डीएनए हिंदीः व्यक्ति की कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव से ही उसका जीवन प्रभावित होता है. ग्रह स्थिति जातक के जीवन में खुशियों और परेशानियों का कारण बनती हैं. जातक की कुंडली में ग्रह की शुभ दशा उसे खुश रखती है जबकि ग्रह के कमजोर (Mangal Dosh) होने पर उसे कष्टों का सामना करना पड़ता है. मंगल ग्रह (Mangal Grah) को ग्रहों का सेनापति माना जाता है. मंगल (Mangal Grah) के अशुभ प्रभाव होने से मंगल दोष (Mangal Dosh) लगता है. कुंडली में मंगल दोष (Mangal Dosh) होने से विवाह में देरी होती है. दांपत्य जीवन में भी समस्याएं होती है. ऐसे में मंगल दोष का निवारण (Mangal Dosh Upay) करना बहुत ही जरूरी होता है. तो चलिए ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मजूमदार से मंगल दोष के उपायों (Mangal Dosh Upay) के बारे में जानते हैं.
क्या होता है मंगल दोष? (Mangal Dosh Kya Hota Hai)
कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में मंगल विराजमान हो तो ऐसे में जातक की कुंडली में मंगल दोष लगता है. मांगलिक दोष के कारण जातक के विवाह में देरी होती है. 28 साल की उम्र के बाद मंगल दोष समाप्त हो जाता है लेकिन इसका प्रभाव रहता है. ऐसे में मंगल दोष का निवारण करना बहुत जरूरी होता है.
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मंगल दोष निवारण उपाय (Mangal Dosh Upay)
- मंगल दोष के प्रभाव को दूर करने के लिए पीपल विवाह, कुंभ विवाह और शालिग्राम विवाह कराया जाता है. मंगल सूत्र पूजन के जरिए भी मंगल दोष को दूर किया जा सकता है.
- हनुमान जी की पूजा से भी मंगल दोष को कम किया जा सकता है. लगातार 21 मंगलवार तक हनुमान जी को बूंदी या लड्डू का प्रसाद चढ़ाने से भी मंगल दोष दूर होता है.
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और गणपति जी की पूजा करने से भी मंगल दोष कम होता है.
- भगवान विष्णु से विवाह कर भी मंगल दोष को दूर किया जा सकता है.
- बंदरों को गुड़ चना खिलाने से भी मंगल दोष का प्रभाव कम होता है. मूंगा रत्न धारण करने से भी मंगल दोष दूर होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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