डीएनए हिंदी: (Mangla Gauri Vrat 2023 Puja Vidhi ) सावन का पवित्र महीना चल रहा है. इसबीच कल यानी मंगलवार से अधिकमास की शुरुआत होगी. अधिकमास में विष्णु भगवान की विशेष कृपा होती है. इस नक्षत्र में मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा. मंगला गौरी और अधिकमास की शुरुआत एक ही तिथि होगी. यह और भी शुभ संजोग माना जा रहा है है. मंगला गौरी की पूजा अर्चना कर महिलाएं व्रत रखेंगी. इस दिन महिलाएं व्रत रख भगवान भोलेनाथ से पति की लंबी आयु और संतान की कामना करती है, जिसे भगवान पूर्ण करते हैं. इस बार व्रतियों को भगवान भोलेनाथ के साथ ही भगवान विष्णु जी की कृपा भी मिल सकती है. आइए जानत हैं मां मंगला गौरी व्रत के महत्व और पूजा विधि...
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ये है मंगला गौरी व्रत का महत्व
मंगला गौरी का व्रत पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु व संतान की प्राप्ति के लिए मंगला गौरी का व्रत रखती है. कहा जाता है कि मां पार्वती ने मंगला गौरी व्रत रखकर ही भगवान शिव को पति को प्राप्त किया था. इस व्रत के रखने से संतान का खुख से लेकर जीवन में सुख और शांति बनी रहती है. इसे महिलाओं के गृहस्थ जीवन में आ रही समस्याएं खत्म हो जाती है.
ऐसे करें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा
मंगला गौरी व्रत करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें. इसके बाद शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें. साथ ही संकल्प लेकर भगवान का व्रत शुरू करें. इसके बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. साथ ही पूरे विधि विधान के साथ मां पार्वती और शिव जी की पूजा करें. आप पूरे विधि विधान के साथ मां पार्वती और महादेव की पूजा करें. आप माता पार्वती की पूजा में अक्षत कुमकुम और फल फूल अर्पित करें.
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अधिकमास की हो रही शुरुआत
मंगलवार से अधिकमास की शुरुआत हो रही है. अधिकमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा. इस माह को मलमास भी कहा जाता है. इसमें विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त होती है. इस माह में ज्यादा से ज्यादा भगवान का नाम लेना चाहिए. हालांकि कोई भी शुभ कार्य, जैसे शादी, गृह प्रवेश, कुआं पूजन, नामकरण आदि इस माह में नहीं करने चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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