Marak Grah: कुंडली में मारक ग्रह खोलते हैं आयु का राज, जानिए सूर्य की स्थिति से कैसे लगा सकते हैं उम्र का अंदाजा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 26, 2023, 02:25 PM IST

जानिए कुंडली में सूर्य की स्थिति से कैसे लगा सकते हैं उम्र का अंदाजा

Marak Grah: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मारक ग्रह, प्रबल मारक ग्रह से व्यक्ति के आयु का अंदाजा लगाया जा सकता है. 

डीएनए हिंदी: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी जन्म कुंडली का विचार करते समय मारक स्थान और मारकेश (Markesh Dasha) का विचार करना बेहद ही जरूरी माना जाता है. क्योंकि, मारक (Marak Grah) स्थान वह होता है जहां से किसी जातक की आयु और उसके लिए मारक ग्रह यानी कौन सा ग्रह उसके मृत्यु तुल्य कष्ट या उसकी मृत्यु का कारण बन सकता है, इसका विचार किया जाता है. ज्योतिष गणना (Jyotish Shastra)के अनुसार कुंडली में जन्म लग्न से अष्टम भाव और उस अष्टम भाव से अष्टम भाव अर्थात् लग्न से तीसरा स्थान आयु का स्थान होता है और अष्टम व तृतीय के द्वादश स्थान को सप्तम और द्वितीय मारक स्थान कहा जाता है. 

इसलिए इन मारक स्थान में जो राशि होती है उसके स्वामी मारकेश कहलाते हैं. इस तरह सप्तम और द्वितीय भाव मारक स्थान होते हैं औन इन दोनों में भी सप्तम से द्वितीय प्रबल मारक (Prabal Marak) होते हैं. तो चलिए जानते हैं कौन से राशि (Zodiac Sign) में कौन-सा ग्रह होता है मारक व प्रबल मारक..

लग्न         मारक   प्रबल मारक
मेष-         शुक्र शुक्र
वृषभ-       बुध, गुरु, मंगल
मिथुन-      चंद्र, शनि, गुरु
कर्क-        सूर्य, शनि
सिंह-        बुध, गुरु, शनि
कन्या-      शुक्र, मंगल, गुरु
तुला-        शुक्र, मंगल
वृश्चिक-     गुरु, बुध, शुक्र
धनु-          बुध, चंद्र, शनि
मकर-       सूर्य, शनि, चंद्र
कुंभ-        गुरु, बुध, सूर्य
मीन-        मंगल, शुक्र

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सूर्य की स्थिति से आयु विचार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति देखकर पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की आयु कितनी होगी. इसके अनुसार लग्न स्थान की राशि का जो स्वामी होता है यह यदि सूर्य का मित्र है तो व्यक्ति दीर्घायु होता है. वहीं, अगर लग्नेश सूर्य से सम भाव रखता हो तो मध्यायु और लग्नेश सूर्य का शत्रु हो तो अल्पायु माना जाता है. दीर्घायु न्यूनतम 96 वर्ष और अधिकतम 120 वर्ष की मानी जाती है, मध्यायु 64 से 80 वर्ष तक और अल्पायु 32 से 40 वर्ष तक मानी जाती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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