डीएनए हिंदी: पुराने समय तलाक लेना बहुत ही बड़ी बात होती थी. इसे खराब माना जाता था. तमाम समस्याओं और मनमुटाव के बाद पति पत्नी एक साथ रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. आज के समय में अरेंज हो या लव मैरिज दोनों में ही कुछ केसों में दंपत्ति तलाक ले लेते हैं. इसकी वजह दोनों जोड़ों में मनमुटाव और कही न कही कुंडली का भी अहम योगदान होता है. कुंडली में कुछ ऐसे योग होते हैं, जिनकी वजह से शादी में हमेशा समस्या बनी रहती और बात तलाक तक पहुंच जाती है. आइए जानते हैं इसकी वजह...
कारक ग्रह
जब मंगल दूसरे, चैथे, सातवें या फिर आठवें और बारहवें भाव में होता है तो वैवाहिक समस्याएं होती हैं. ऐसे में कुंडली के दूसरेए छठेए सातवेंए आठवें और बारहवें भाव में स्वामी की स्थिति तलाक के योग बनाती है.
लग्न कुंडली
कुंडली में 7वां घर 6वें घर में होता है. तब 8वां घर शादी के बंधन को पूर्ण नहीं होने देता. यह रिश्तों को खराब कर तलाक की तरफ मोड़ देता है. छठे या आठवें भाव के स्वामी का सप्तम भाव के स्वामी के साथ होने से भी वैवाहिक समस्याएं पैदा करता है. अगर किसी की कुंडली में मंगल पहलेए चौथेए सातवें या फिर आठवें और बारहवें भाव में किसी अन्य अशुभ ग्रह से जुड़ा हो तो लग्न कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी छठे भाव में स्थित हो और उस पर मंगल की दृष्टि हो तो तलाक के योग बनते हैं.
शुक्र
इसके साथ ही अगर किसी की कुंडली में छठे, आठवें या बारहवें भाव में ग्रहों की दशा शादी में तलाक का कारण बन सकती है. पुरुष की कुंडली में शुक्र पीड़ित स्थिति में हो और स्त्रियों की कुंडली में मंगल पीड़ित हो तो शादी में कई समस्याएं उत्पन्न होती है.
शनि मंगल
जब कन्या राशि के लोगों की कुंडली में शनि और मंगल पहले और सातवें भाव में या फिर पंचम और ग्यारहवें भव में होता है तो वैवाहिक समस्याएं होती है. दंपत्ति में आपसी कलह रहती है. साथ ही सप्तम या अष्टम भाव पर शनि और मंगल दोनों की दृष्टि वैवाहिक जीवन में परेशानियां खड़ी कर देती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर