डीएनए हिंदी: विवाह के बाद व्यक्ति का जीवन कैसा रहेगा इस बारे में जातक की कुंडली से पता लगाया जा सकता है. कुंडली (Kundli) के सप्तम भाव को जीवनसाथी (Life Partner) से संबंधित माना जाता है. सप्तम भाव में ग्रहों की स्थिति से आप अपने जीवनसाथी (Life Partner) और वैवाहिक जीवन (Marriage Life) के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं. पुरुष की कुंडली में शुक्र ग्रह (Shukra Grah) और महिला की कुंडली में मंगल और बृहस्पति विवाह से संबंधित होते हैं. शुक्र ग्रह (Shukra Grah) को लव लाइफ से संबंधित माना जाता है. शादी के बाद अच्छी लव और सेक्स लाइफ (Astrology For Love Life) के लिए आपकी ग्रह दशा भी जिम्मेदार होती है. तो आज सुखी दांपत्य जीवन (Marriage Life) के लिए ग्रहों की चाल के बारे में जानते हैं.
शुक्र ग्रह से संबंधित होती है मैरिड लाइफ (Shukra Grah Effects For Marriage Life)
शादी से पहले कुंडली का मिलान किया जाता है. यह सुखी दांपत्य जीवन के लिए बहुत ही जरूरी होता है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति से दांपत्य जीवन और सेक्स लाइफ के बारे में भी पता लगाया जा सकता है. कुंडली में शुक्र की स्थिति सही न हो तो मैरिड लाइफ डिस्टर्ब रहती है. प्यार का मूल स्वभाव मंगल और शुक्र ग्रह की स्थिति से ही होता है. यह ग्रह प्रेम विवाह और दांपत्य जीवन को भी प्रभावित करते हैं.
यह भी पढ़ें - Abhijit Muhurat: कार्य सफलता के लिए जरूरी है अभिजीत मुहूर्त, सप्ताह में केवल 1 दिन नहीं मिलता ये शुभ समय
लड़कों में प्रेम की भावना बढ़ाता है शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह पुरुषों के लिए पूरी तरह से प्रेम का कारक होता है. यह पुरुषों में प्यार को बढ़ाता है. शुक्र ग्रह का स्वग्रही होने के साथ ही तुला या उच्च राशि मीन में होना भी जरूरी होता है. इन ग्रहों के एक साथ होने से प्रेम विवाह के योग बनते हैं. चंद्रमा ग्रह को भी प्यार का कारक मानते है. चंद्रमा का मालिक मन को माना जाता है. यह लड़की की कुंडली में बृहस्पति के साथ बैठे हो और परिवर्तन योग में हो तो कुंडली के नवम-पंचम भाव में प्यार के योग बनते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर