डीएनए हिंदीः 4 महीने के बाद जल्द शादियों का सीजन जल्दी ही फिर से शुरू होगा. इसलिए अगर आप शादी के कार्ड चुनने जा रहे तो कुछ वास्तु नियमों को जरूर जान लें. दूल्हा-दुल्हन के परिवार वाले इस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं कि भावी जोड़े के विवाह ही नहीं, वैवाहिक जीवन में भी कभी कोई बाधा या अड़चन न आने पाए.शादी का सबसे महत्वपूर्ण पहलू शादी का कार्ड होता है. शादियों के निमंत्रण कार्ड को लेकर आजकल सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है.
शादी के कार्ड को वेडिंग विंडो कहा जाता है. क्योंकि जो आमंत्रित लोग दूल्हा-दुल्हन को नहीं जानते वे कार्ड से उनकी पहली झलक पा सकते हैं. शादियों के कार्ड की डिजाइन पर अब लोग ज्यादा ध्यान देते हैं और वेडिंग को स्पेशल बनाने के लिए इसे अलग-अलग तरीके से कस्टमाइज करते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इस कस्टमाइजेशन में वास्तु चूक आपके सपने को चकनाचूर कर सकता है. तो चलिए जान लें कि सुखी वैवाहिक जीवन के लिए शादी का कार्ड चुनते समय किन वास्तु नियमों का ध्यान रखना जरूरी है.
1-त्रिकोण या पत्तों के आकार में भी कार्ड चुनने से बचें.वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार पारंपरिक आयताकार या वर्गाकार शादी के कार्ड शुभ होते हैं.
2-शादी के कार्ड में दूल्हा-दुल्हन की तस्वीरें लगाने से भी बचें. वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि शादी के कार्ड पर दूल्हा-दुल्हन की तस्वीर लगाना वास्तु के अनुसार अशुभ होता है.
3-शादी के कार्ड पर कभी भी काले और भूरे रंग का इस्तेमाल न करें. माना जाता है कि ये दोनों रंग शादी के लिए अशुभ होते हैं. परिणामस्वरूप दांपत्य जीवन में परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं .
4-शादी के कार्ड में गणेश जी की तस्वीर हमेशा पूरी लगाएं. जैसे खाली सूंढ़ लगान या सांकेतिक तस्वीर लगाना या नाचते हुए गणेश जी की तस्वीरें वैवाहिक जीवन में परेशानियां पैदा कर सकती हैं.
5-आप शादी के कार्ड पर सुगंधित कागज का उपयोग कर सकते हैं. चंदन, गुलाब, चमेली की सुगंध सकारात्मक ऊर्जा लाती है.
6-शादी के कार्ड के लिए लाल या मैरून रंग सबसे शुभ होता है. आप पीले या गुलाबी रंग का भी प्रयोग कर सकते हैं.
7-वास्तु विशेषज्ञ शादी के कार्ड में राधा-कृष्ण को रखने से मना कर रहे हैं. क्योंकि भले ही राधा कृष्ण शाश्वत प्रेम के प्रतीक हैं, लेकिन उनका जीवन दुख और पीड़ा से भरा है. राधा कृष्ण से उनके जीवन में कभी मिलन नहीं हुआ. इसलिए उनकी तस्वीरों को शादी के कार्ड में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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8-शादी के कार्ड में स्वास्तिक चिन्ह अवश्य होना चाहिए. हिंदू धर्म के अनुसार स्वस्तिक चिन्ह का बहुत महत्व है. किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में स्वस्तिक चिन्ह अनिष्ट को दूर रखता है.