डीएनए हिंदी: मासिक शिवरात्रि हर माह आने वाली शिवरात्रि को कहा जाता है. हर शिवरात्रि का अपना महत्व होता है. इनमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. इस बार मासिक शिवरात्रि 13 सितंबर 2023 को रहेगी. ऐसे में इस शिवरात्रि व्रत रखने के साथ ही कुछ उपाय करने से भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं. अगर व्यक्ति पर राहु केतू, शनि या मंगल ग्रह की दशा या दोष है तो इसे भी खत्म किया जा सकता है. शिवरात्रि पर किए जाने वाले उपाय इन ग्रहों के दोषों से मुक्त कर देते हैं. आइए जानते हैं शिवरात्रि पर महादेव की पूजा की विधि, व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त और ग्रह दोषों से मुक्ति के उपाय...
मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की आरधना करने से महादेव प्रसन्न होने के साथ ही सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं. दो माह के सावन के बाद भाद्रपद में यह पहली मासिक शिवरात्रि है. इस शिवरात्रि पर कुछ उपाय करने से मंगल, शनि, चंद्र और राहु केतु की पीड़ा और दोष से मुक्ति पाई जा सकती है.
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मासिक शिवरात्रि की तारीख और शुभ मुहूर्त
इस बार सावन दो माह यानी पूरे 59 दिनों तक रहा है. इसके बाद भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि में यह पहली मासिक शिवरात्रि है. इस तिथि की शुरुआत 13 सितंबर 2023 को रात 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 14 सितंबर 2023 को 4 बजकर 48 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. महादेव की पूजा के शुभ मुहूर्त 14 सितंबर 2023 को सुबह 11 बजकर 54 मिनट से रात 12 बबजकर 40 मिनट तक रहेगा. इस दौरान ग्रह दोषों मुक्ति के लिए भी पूजा और उपाय कर सकते हैं.
ग्रह दोष से मुक्ति के उपाय
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राहु केतु
राहु केतु की दशा व्यक्ति के जीवन को दुखों से भर देती है. हर काम में बांधा आनी शुरू हो जाती है. व्यक्ति के जीवन में दुखों का अंबार लग जाता है. घर में दरिद्रता का वास होने लगता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसे मुक्ति पाने के लिए मासिक शिवरात्रि पर कुछ उपाय किए जा सकते हैं. इन्हें करने मात्र से ही राहु और केतू के दोषों से मुक्ति मिलेगी. घर से दरिद्रता जाने के साथ ही दुखों का नाश हो जाएगा. मासिक शिवरात्रि पर निशिता काल में महादेव को दुर्वा और कुश में जल मिलाकर अभिषेक करें. इसे राहु का दुष्प्रभाव कम हो जाएगा. अगर कुंडली में राहु केतु की महादशा चल रही है तो मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पंचाक्षरी मंत्र का कम से कम 11 माला का जप करें. इसे सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी. घर में खुशियों का आगमन होगा.
मंगल ग्रह
कुंडली में मंगल ग्रह का दोष लगा है तो मासिक शिवरात्रि पर गंगाजल, लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ को जल में डालकर शिवलिंग पर महादेव का जलाभिषेक करें. साथ ही ‘ॐ नमो भगवते रुद्राय नम:’मंत्र का जप करें. साथ ही शिव तांडव स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं. मासिक शिवरात्रि पर इस उपाय को करने मात्र से ही मंगल दोष दूर हो जाएंगे. शुभ फल की प्राप्ति होगी. जीवन धन संपत्ति और समृद्धि आएगी.
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चंद्रमा ग्रह
चंद्रमा ग्रह के दोष से व्यक्ति का मन अशांत रहता है. उसके दिमाग में हर समय उलझन बनी रहती है. ऐसी स्थिति में भगवान शिव की आरधना शुरू कर दें. मासिक शिवरात्रि के दिन निशिता काल में चांदी के कलश में दूध भरकर शिवलिंग पर अभिषेक करें. साथ ही ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः मंत्र का जप करें. इस उपाय को करने से मानसिक रूप से शांति मिलती है. चंद्र देव शुभ फल देते हैं.
शनि ग्रह
शनि दोष से परेशान हैं, जीवन में सब कुछ अस्त व्यस्त है तो मासिक शिवरात्रि के दिन गन्ने का रस लें. इस रस के साथ ही शमी के पत्ते लेकर शिवलिंग पर अभिषेक करें. साथ ही शिवपुराण का पाठ करें. इस उपाय से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से भी राहत मिलेगी. भगवान शिवजी की कृपा होगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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