हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) मनाई जाती है. इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं. भगवान की कृपा प्राप्त होती है. इस बार मासिक शिवरात्रि 8 फरवरी को मनाई जाएगी. वहीं महाशिवरात्रि ठीक इसके एक महीने बाद यानी मार्च में होगी. धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह चतुर्दशी की रात्रि में हुआ था. इसलिए ही मासिक शिवरात्रि पर व्रत से लेकर पूजा अर्चना करने पर शुभ फल प्राप्त होते हैं. आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...
बहुत ही खास होती है मासिक शिवरात्रि
हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मासिक शिवरात्रि पड़ने के चलते यह तिथि बेहद खास होती है. इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने और व्रत से भगवान का अशीर्वाद प्राप्त होता है. व्यक्ति के घर में सुख शांति ओर समृद्धि आती है. इस दिन शिवलिंग पर दूध, जल और पुष्प चढ़ाने से लेकर जप करने से व्यक्ति सभी तरह की समस्याओं से मुक्त हो जाता है.
ऐसे करें मासिक शिवरात्रि पूजा
चतुर्दशी तिथि पर महादेव शिव के साथ ही माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेया की पूजा की जाती है. सुबह स्नान के बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करने के बाद भगवान शिव को जल, दूध, दही और शहद को मिलाकर जलाभिषेक करें. इसके बाद भांग, धूतरा, दुर्वा, बेलपत्र और शमी के पत्ते चढ़ाये. इस दिन व्रत करने का भी बड़ा फल प्राप्त होता है. भगवान की शिवरात्रि पर रात्रि पूजा अर्चना करने का भी विशेष फल प्राप्त होता है.
मासिक शिवरात्रि के ये है शुभ मुहूर्त
माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत गुरुवार 8 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 17 मिनट पर होगी. साथ ही इस तिथि की समाप्ति 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर हो जाएगी. निशिता मुहूर्त के चलते मासिक शिवरात्रि गुरुवार को मनाई जाएगी. इसी दिन भगवान और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने के साथ ही व्रत रखना शुभ साबित होगा.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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