Braj Ki Holi 2023: श्री कृष्ण की नगरी मथुरा-ब्रज में होली की तैयारियां शुरू, अगले 15 दिनों तक जमकर बरसेंगे रंग-गुलाल, लड्डू और लट्ठ

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 22, 2023, 11:40 AM IST

श्री कृष्ण की नगरी मथुरा-ब्रज में होली की तैयारियां शुरू

Mathura Vrindavan Holi Date: ब्रज में होली की शुरुआत हो गई है, अगले 15 दिनों बरसाना और मथुरा में जमकर होली खेली जाएगी.

डीएनए हिंदी: ब्रज की होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, यही कारण है कि दुनियाभर से लोग ब्रज की होली (Braj ki Holi 2023) देखने आते हैं. क्योंकि, ब्रज में होली का पर्व ऐसा मनाया जाता है कि देश और दुनिया में इसका रंग छा जाता है. ब्रज में रंगोत्सव 40 (Rangotsav 2023) दिनों तक मनाया जाता है, जिसका शुभारंभ वसंत पंचमी के शुभ दिन से ही हो जाता है. इस दिन ब्रज में होली का ढाड़ा गाड़े जाते हैं और इस तरह ब्रज में होली महोत्सव (Holi Mahotsav In Vrindavan 2023) की शुरुआत हो जाती है. अब ब्रज के मंदिर में सुबह सुबह भगवान श्री कृष्ण को अबीर गुलाल लगाने की परंपरा भी शुरू कर दी गई है. वैसे तो ब्रज में होली के प्रमुख कार्यक्रम 27 फरवरी दिन सोमवार से शुरू होंगे लेकिन ब्रज भूमि में अभी से चारों तरफ होली की रौनक देखने को मिल रही है. 

ब्रज में रंगोत्सव 2023 का शुभारंभ

प्रदेश सरकार ने भी ब्रज में रंगोत्सव 2023 की तैयारियां शुरू कर दी हैं. हर बार की तरह इस बार भी होली के मौके  पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के ब्रज आने की उम्मीद है. फुलैरा दूज के दिन मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में फूलों से होली खेली गई. अब बरसाना की प्रसिद्ध लड्डू होली 27 फरवरी को होगी और उसके अगले दिन यानी 28 फरवरी को बरसाना की लठमार होली खेली जाएगी. बरसाना की होली के बाद 1 मार्च को नंदगांव में भी लठमार होली खेली जाएगी. 

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इस बार बरसाना में दिखेगी होली की अलग ही झलक

इस बार बरसाना आने वाले श्रद्धालुओं और विदेशी पर्यटकों को लड्डू होली और लठमार होली के दौरान यहां अलग ही झलक देखने को मिलेगी. क्योंकि, बरसाना में 27 फरवरी से दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. ऐसे में 6 अलग-अलग स्थानों पर स्टेज बनाकर लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और 6 सेल्फी पॉइंट बनाए जाएंगे. इसके अलावा बरसाना के सभी मार्गों को सजाया जाएगा, प्रवेश द्वार बनेंगे, प्रिया कुंड की सजावट होगी और लोकनृत्य समूहों की ओर से गलियों में नृत्य प्रदर्शन भी किया जाएगा. 

वृंदावन में उड़ेंगे क्विंटलों अबीर और गुलाल

इस बार रंगभरनी एकादशी के मौके पर 3 मार्च को वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में ठाकुरजी अपने भक्तों संग होली खेलेंगे. इसके अलावा इस मौके पर देश-विदेश से आए श्रद्धालु-पर्यटक वृंदावन की परिक्रमा भी करेंगे, जिसमें खूब अबीर-गुलाल उड़ेगा. हर साल सुबह से शुरू होकर देर रात तक परिक्रमा का सिलसिला जारी रहता है. इसके साथ ही एकादशी पर ही मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भी होली खेली जाएगी. इसके बाद 4 मार्च को गोकुल में छड़ी मार होली का आयोजन होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गोकुल में भगवान कृष्ण बाल स्वरूप में थे इसलिए यहां छड़ी का प्रयोग मारने के लिए किया जाता है. 

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ब्रज में 7 से 15 मार्च तक चलेंगे ये कार्यक्रम

मथुरा के फालैन गांव में दशकों से चली आ रही परंपरा का अनुसरण करते हुए 7 मार्च को पांडा होली की आग की लपटों के बीच पार करेंगे. जो व्यक्ति आग की लपटों को पार करता है, वह बसंत पंचमी के दिन से ही गांव के मंदिर में जमीन पर ही सोता है. इसके बाद 9 मार्च को दाऊजी का हुरंगा होगा और फिर 15 मार्च को रंगजी मंदिर में होली के भव्य आयोजन किया जाएगा. 

ब्रज की होली के प्रमुख आयोजन

27 फरवरी - बरसाना में लड्डू होली
28 फरवरी - बरसाना की लठमार होली
1 मार्च - नंदगांव में लठमार होली
3 मार्च - रंगभरनी एकादशी और वृंदावन परिक्रमा

मथुरा भगवान कृष्ण जन्मस्थान लठमार होली

4 मार्च - गोकुल की छड़ीमार होली
7 मार्च - होलिका दहन, फालैन में जलती होलिका से पंडा के निकलने की लीला और मथुरा में चतुर्वेदी समाज का डोला 
9 मार्च - दाऊजी का हुरंगा और चरकुला नृत्य मुखराई
15 मार्च - रंगजी मंदिर में होली उत्सव वृंदावन

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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