Mauni Amavasya 2024: आज है मौनी अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त से लेकर इसका महत्व, विशेष रूप से रखें इन बातों का ध्यान

Written By नितिन शर्मा | Updated: Feb 09, 2024, 06:27 AM IST

मौनी अमावस्या माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है. इस अमावस्या पर स्नान दान और मौन व्रत का विशेष लाभ मिलता है. पितर प्रसन्न होते हैं. भगवान सभी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं. 

(Mauni Amavasya) माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है. इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं. उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस बार मौनी अमावस्या 9 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी. मौनी अमावस्या पर व्रत रखना बेहद शुभ होता है. साथ ही कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका विशेष ध्यान रखना चाहिए. मौनी अमावस्या पर भूलकर भी कुछ गलतियां न करें. इनसे व्यक्ति को पाप लगता है. उसे जीवन में कष्ट झेलना पड़ता है. पितर नाराज हो जाते हैं. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या का महत्व, शुभ मुहूर्त के साथ ही क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए... 

मौनी अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने की मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होगी. यह अगले दिन 10 फरवरी की सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के हिसाब से 9 फरवरी को माघ अमावस्या मनाई जाएगी. इस दिन शुभ मुहूर्त की शुरुआत सुबह 8 बजकर 2 मिनट से सुबह 11 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. इस समय में स्नान और दान करना बेहद शुभ होता है. 

मौनी अमावस्या पर करें ये काम

मौनी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठने के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान करें. अगर आप नदी में स्नान करने नहीं जा सकते हैं तो अपने नहाने की बाल्टी में थोड़ा सा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. इसके बाद सूर्य भगवान को जल दें. भगवान की पूजा अर्चना करें और दान पुण्य करें. स्नान और पूजा अर्चना के बाद इस दिन किया जाने वाला दान महादान माना जाता है. इसके अलावा इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना कर परिक्रमा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. मौनी अमावस्या पर मौन व्रत करना बेहद शुभ होता है. अगर आप मौन व्रत नहीं कर सकते हैं तो दिन भर कम से कम बोलने का प्रयास करें. 

मौनी अमावस्या भूलकर भी न करें ये काम

मौनी अमावस्या पर भूलकर भी कुछ काम नहीं करने चाहिए. इनमें मुख्य रूप से मांस मदिर का सेवन, झूठ बोलने से बचना चाहिए. इस दिन भूलकर भी सूर्योदय के बाद न उठें. इससे पहले उठने की कोशिश करें. किसी से लड़ाई झगड़ा न करें. साथ ही अमावस्या के दिन शरीर पर तेल की मालिश न करें. 

यह है मौनी अमावस्या का महत्व

मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर देवता और पितर पवित्र नदी में आकर स्नान करें. इस दिन किसी भी व्यक्ति के गंगा में स्नान और दान करने से आयु लंबी होती है. स्वास्थ लाभ मिलता है. जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है. पितृ प्रसन्न होते हैं. जीवन में समस्या और बाधाएं दूर हो जाती हैं. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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