Mauni Amavasya Upay: मौनी अमावस्या पर बन रहे 5 दुर्लभ संयोग, आज इन 7 कामों को करने से मिलेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

नितिन शर्मा | Updated:Feb 09, 2024, 08:02 AM IST

माघ में आने वाली मौनी अमावस्या सबसे बड़ी अमावस्या मानी जाती है. इस पर ऐसे दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिनमें कुछ उपाय करने से मात्र से पितृदोष दूर हो जाएगा. जीवन में सफलता प्राप्त होगी. 

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का बड़ा महत्व है. इस बार मौनी अमावस्या 9 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इसमें मौनी अमावस्या का महत्व कई गुणा बढ़ जाता है. इन दुर्लभ योग में कुछ उपाय करने मात्र से ही मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, विनायक, मालव्य, हंस और अमृत योग बन रहे हैं. अगर आप पैसों की तंगी या स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं तो इन उपायों को कर सकते हैं. आइए जानते हैं वो आसान से उपाय, जिन्हें करने मात्र से समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा. 

मौनी अमावस्या पर करें ये काम

-अमावस्या पर पशुओं को चारा जरूर खिलाएं. इससे शुभ फल प्राप्त होते हैं. इस दिन पशुओं को भूलकर भी परेशान नहीं करना चाहिए. इससे व्यक्ति के जीवन में सुख शांति का अभाव उत्पन्न होता है. व्यक्ति तमाम समस्याओं की वजह से तनाव में रहता है. 

-अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो इस दिन तुलसी की माला लेकर उस पर कम से कम 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें. साथ ही भगवान के सामने अपनी मनोकामना रखें. इससे आपकी समस्याएं खत्म हो जाएगी. घर में धन की आवक बढ़ेगी. 

-मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय के साथ दीपक जलाएं. इसे ईशानकाण में रखें. ध्यान रखें कि यह दीपक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक जलता रहे. 

-मौनी अमावस्या पर घी का दीपक जलाएं. इसमें दो 2 केसर और 2 लौंग के डालकर जला दें. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है. व्यक्ति के जीवन में चल रही आर्थिक तंगी और समस्याएं खत्म हो जाती है. 

-सभी अमावस्या में मौनी अमावस्या सबसे बड़ी मानी जाती है. इस दिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें. व्यक्ति के जीवन में सुख और शांति आती है. 

-अमावस्या पर तिल के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाये. इसके बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा दें. ऐसा करने शनि देव प्रसन्न होते हैं. शनि से संबंधित साढ़े साती और ढैय्या का प्रकोप कम हो जाता है. 

खत्म हो जाएगा पितृ दोष

अगर आप पितृदोष से जूझ रहे हैं, पितर रुष्ट हो गये हैं तो अमावस्या पर स्नान के बाद दान पुण्य करने करने के बाद तर्पण करें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं. उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. जीवन में चल रही समस्याएं और लगातार मिल रही असफलता से छुटकारा मिलता है. इस दिन सूर्यास्त होने पर दक्षिण दिशा में सरसों के तेल में काले तिल डालकर दीपक जला दें. साथ ही पितर स्त्रोत या कवच का पाठ करें. इससे आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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