Meen Sankranti 2023: आज है मीन संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त और सूर्य पूजा का महत्व

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 15, 2023, 08:10 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Meen Sankranti 2023: इस बार मीन संक्रांति 15 मार्च यानी कल होगी. कल सूर्य ग्रह कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे.

डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में संक्रांति का विशेष महत्व होता है. दरअसल, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति (Sankranti 2023)कहते हैं. संक्रांति का समय सूर्य पूजा के लिए विशेष होता है. पूरे साल में 12 बार संक्रांति (Sankranti 2023) होती है. इनमें से सभी संक्रांति अलग-अलग राशियों से संबंधित होती है. सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते हैं उसे उसी राशि की संक्रांति कहते हैं. अब चैत्र माह की मीन संक्रांति (Meen Sankranti 2023) होगी. इस बार मीन संक्रांति 15 मार्च यानी कल होगी. कल सूर्य ग्रह कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे. ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मजूमदार के अनुसार हिंदी पंचांग के मुताबिक मीन संक्रांति (Meen Sankranti 2023) साल की आखिरी संक्रांति होती है. इसी वजह से मीन संक्रांति (Meen Sankranti 2023) का विशेष महत्व होता है. ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मजूमदार से मीन संक्रांति के महत्व (Meen Sankranti Significance) के बारे में जानते हैं.

मीन संक्रांति शुभ मुहूर्त (Meen Sankranti 2023 Shubh Muhurat)
मीन संक्रांति पर सूर्य का राशि परिवर्तन 14 - 15 मार्च की मध्यरात्रि को होगा. रात को 12 बजकर 16 मिनट पर  सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे जिसके बाद मीन संक्रांति की शुरूआत हो जाएगी. इस दिन महापुण्यकाल समय सुबह 6 बजकर 31 मिनट से सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. जबकि पुण्यकाल मुहूर्त सुबह 8 बजकर 31 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

 

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मीन संक्रांति का महत्व (Meen Sankranti Significance)
संक्रांति सूर्य के राशि परिवर्तन से संबंधित होती है ऐसे में संक्रांति का सूर्य उपासना के लिए विशेष महत्व होता है. मीन संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने से विशेष लाभ मिलता है. मीन संक्रांति पर स्नान कर सूर्य को जल का अर्घ्य देने और गरीबों को दान करने व भोजन कराना बहुत ही शुभकारी माना जाता है. मीन संक्रांति पर आपको गाय को चारा खिलाना चाहिए.

मीन संक्रांति के बाद शुभ कार्यों पर लग जाती है रोक
मीन संक्रांति के बाद से ही मलमास या खरमास की शुरूआत हो जाती है. खरमास को मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है ऐसे में मीन संक्रांति के बाद शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. दरअसल, संक्रांति के बाद सूर्य की गति धीमी हो जाती है. हिंदू धर्म में यह समय शुभ कार्यों कै लिए अच्छा नहीं माना जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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