Mehandipur Balaji: मेंहदीपुर बालाजी मंदिर का प्रसाद नहीं लाते घर, वहां जाकर नेगेटिव एनर्जी हो जाती दूर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 16, 2022, 01:28 PM IST

जानिए मेंहदीपुर बालाजी से जुड़ी कुछ खास बातें

मेंहदीपुर बालाजी मंदिर काफी प्रसिद्ध है यहां दर्शन करने से भूत-प्रेत और नकारात्मक बाधाओं से मुक्ति मिलती हैं. जानिए मंदिर से जुड़ी कुछ अन्य रोचक बातें.

डीएनए हिंदी: Mehandipur Balaji Mandir Rajasthan- भारत के कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जो अपने नियमों, कायदे-कानून और परंपराओं की वजह से फेमस हैं, इन मंदिरों का अपना एक खास महत्व है. इसके अलावा कुछ मंदिर ऐसे हैं जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं, जिनके पीछे कुछ हैरान कर देने वाली रोचक कहानी जुड़ी हुई है. इन्हीं मंदिरों में से एक राजस्थान (Rajasthan Mehandipur Balaji Temple) के दौसा जिले स्थित बालाजी (Mehandipur Balaji) का मंदिर. 

इस मंदिर की एक और खास बात यह है कि यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच में बना हुआ है. इसके अलावा यहां लोग भूत-प्रेत की बाधा से मुक्ति पाने के लिए आते हैं. इस मंदिर में कई ऐसी विचित्र चीजें देखने को मिलती हैं, जिसे देख आप भी हैरान हो जाएंगे. चलिए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें.. 

जानिए मेंहदीपुर बालाजी से जुड़ी कुछ खास बातें (Mehandipur Balaji Mandir Know Temple Mysterious Things) 

प्रसाद खाने की है मनाही

मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के किसी भी प्रसाद को खाने से मना किया जाता है. इसके अलावा यहां के प्रसाद को आप किसी को दे भी नहीं सकते हैं और न ही इस प्रसाद को आप अपने घर ले जा सकते हैं. कहा जाता है कि अगर आप यहां के किसी चीज को अपने घर ले जाते हैं तो आपके ऊपर बुरी साया का असर हो आ सकता है.

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मेंहदीपुर बालाजी के बायीं छाती में है एक छोटा छेद

मेंहदीपुर बालाजी के बायीं छाती में एक बहुत ही छोटा सा छेद है जिसमें से लगातार जल बहता है. लोगों का मानना है कि यह पानी बालाजी का पसीना है जो निरंतर बहता रहता है. 

प्रेतराज सरकार के दरबार में होता है कीर्तन

यहां भूत-प्रेत की बाधाओं और नकारात्मक बुराइयों से बचने के लिए हर दूसरे दिन 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में कीर्तन होता है. इसके अलावा यहां भैरवबाबा जिन्हें कोतवाल कप्तान भी कहा जाता है उनकी मूर्ति भी स्थापित है. यहीं पर सभी को नकारात्मक बाधाओं से मुक्ति मिलती है.

एक सप्ताह पहले से ही इन नियमों का करना होता है पालन

मेंहदीपुर बालाजी मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले सभी भक्तों के लिए एक कड़ा नियम है, दर्शन करने से कम से कम एक सप्ताह पहले से अण्डा, मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन बंद करना पड़ता है.

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मूर्ति के समीप है भगवान राम और माता सीता की मूर्ति

मेंहदीपुर बालाजी के मूर्ति के समीप भगवान राम और माता सीता की मूर्ति भी स्थापित है. जहां हनुमान जी हमेशा उनके दर्शन करते रहते हैं. इस मंदिर में हनुमान जी अपने बाल रूप में मौजूद हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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