डीएनए हिंदी: हनुमान जी की शक्तियों के बारे में तो सभी लोग जानते हैं. बजरंग बली को बल और बुद्धि प्रदान करने वाले देवता के रूप में भी पूजा जाता है. हनुमान जी की काया और माया इतनी विशाल है कि जगह-जगह उनके मंदिर देखने को मिल जाते हैं. शिव के अवतारों में सबसे शक्तिशाली अवतार हनुमान जी राम के ही नहीं बल्कि कलयुग में हरेक के प्रिय देवता बन चुके हैं. भारत में हनुमान जी के कई अनौखे मंदिर हैं और सबकी अपनी विशेष मान्यता व कहानियां भी हैं पर क्या आप जानते हैं कि भारत में हनुमान जी के दो ऐसे रहस्यमय मंदिर भी हैं जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. आज हम आपको हनुमान जी के उन 2 रहस्यमयीमंदिरों के बारे में बताएंगे जिनकों छूते ही आपको आपका पिछला जन्म याद आ जाएगा. ये बात आपको पढ़ने में शायद अजीब लगे लेकिन लोगों की मान्यता ऐसी ही है. आइए उन मंदिरों के बारे में जानते हैं.
हनुमान जी के रहस्यमयी मंदिर
1. लेटे हुए हनुमान जी मंदिर
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हनुमान जी की शक्तिशाली लेटी हुई मुद्रा में मूर्ति है जिसके स्पर्श करते ही आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे और आपको पिछला जन्म याद आ जाएगा. ऐसा कहा जाता है कि मुग्ल बादशाह अकबर ने एक बार इस मंदिर को तोड़ने का प्रयास किया था लेकिन मंदिर को छूने से पहले ही उसके 200 सैनिकों की मृत्यु हो गई. अकबर वहां से भाग तो निकला लेकिन उसे गठिया रोग हो था. इसके विपरीत एक कहानी और भी है. स्थानीय किदवंतियों के अनुसार करीब 1582 में मुग्ल शासक अकबर जब अपने साम्रज्य का विस्तार कर रहा था तो वह यहां भी आया था. अवध, मगध, बंगाल सहित पूर्वी भारत में चलने वाले विद्रोह को शांति विराम देने के लिए अकबर ने यहां एक किले का निर्माण कराया. अकबर इस किले में हनुमान जी को ले जाना चाहता था. उसने मंदिर से मूर्ति को हटाने की बेहद कोशिश की, पर मूर्ति अपने स्थान से हिली भी नहीं. ऐसा कहा जाता है कि एक बार हनुमान जी ने अकबर के सपना में आए जिसके बाद अकबर ने इस काम को रोक दिया और हनुमान जी से अपनी हार मान ली.
2. सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर
मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के बोलाई गांव में खेड़ापति नाथ हनुमान जी मंदिर में स्थापित मूर्ति को छूते ही आपके सारे चर्म रोग ठीक हो जाएंगे. करीब 300 साल पुराना मंदिर लोगों के आस्था का प्रमुख केंद्र है. श्री सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर, रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रैक के बीच बोलाई स्टेशन से लगभग 1 किमी दूर है. ऐसा कहा जाता है कि उस मूर्त को स्पर्श करने से पूर्व आपको कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा इस मंदिर को लेकर और भी कई कहानियां हैं जैसे कि यहां मंदिर के सामने से निकलने से पहले ही ट्रेन की स्पीड अपने आप कम हो जाती है. यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी की प्रतिमा के साथ गणेश जी भी विराजमान हैं. इस मंदिर को लेकर एक मान्यता ये भी है कि यहां आने वाले लोगों को भविष्य की घटनाओं का पहले ही अंदाजा लग जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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