Panchak 2023: शुरू हो चुका है 'मृत्यु पंचक' का साया, इन 5 दिनों भूलकर भी इस दिशा में न करें यात्रा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 16, 2023, 09:18 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Panchak 2023: पंचक के दौरान नक्षत्रों का एक समूह बनता है. इनमें धनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र शामिल हैं.

डीएनए हिंदी: ज्योतिष शास्त्र में पंचक काल (Panchak 2023) को अशुभ माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार पंचक काल (Panchak 2023) में कई शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. इस बार 15 अप्रैल से लेकर 19 अप्रैल तक पंचक का साया (Panchak 2023) रहने वाला है. यह पंचक मृत्यु पंचक होगा. मृत्यु पंचक को सबसे ज्यादा अशुभ माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रह के मीन और कुंभ राशि में भ्रमण पर पंचक (Panchak 2023) होते हैं.

ऐसा कहा जाता है कि पंचक में भूलकर भी दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए. पंचक (Panchak 2023) में दक्षिण में यात्रा की मनाही के साथ और भी कई कार्यों को करने की मनाही होती है तो चलिए ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मजूमदार से पंचक (Panchak 2023) के दौरान वर्जित कामों के बारे में जानते हैं.

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क्यों है दक्षिण दिशा में यात्रा करने की मनाही (Panchak 2023 Rules)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दक्षिण दिशा को मृत्यु की दिशा माना जाता है. ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि इस दिशा में मृत्यु के देव यमराज का आधिपत्य होता है. यहीं वजह है कि इस दिशा में यात्रा करने के लिए मना किया जाता है. यदि पंचक में इस दिशा की यात्रा की जाए तो व्यक्ति को जान माल का नुकसान हो सकता है. आपको किसी कारण पंचक में दक्षिण दिशा की यात्रा करनी पड़ रही है तो आपको हनुमान जी की पूजा कर यात्रा पर जाना चाहिए. इससे पंचक दोष का निवारण हो जाता है.

पंचक में भूलकर भी न करें ये काम (Never Do These Work During Panchak Kaal)
पंचक के दौरान नक्षत्रों का एक समूह बनता है. इनमें धनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र शामिल हैं. नक्षत्रों के इस समूह के कारण दोष उत्पन्न होते हैं. पंचक काल में व्यक्ति को शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. इस समय पर लकड़ी एकत्र करना, नया मकान बनाना या छत डालना, पलंग या चारपाई का निर्माण कराना व शव जलाना वर्जित माना जाता है. हालांकि गरुड़ पुराण के अनुसार पंचक में किसी की मृत्यु होने पर कुश का पुतला जलाने के बाद शव का अंतिम संस्कार कर सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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