डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में शादी से पहले लड़के और लड़की की कुंडली को मिलाया जाता है. कुंडली मिलान कर शुभ परिणाम मिलने पर ही विवाह संपन्न किया जाता है. ज्योतिष में कई ऐसे दोषों (Kundli Dosh) के बारे में बताया गया है जिन्हें देखकर ही वर-वधू की कुंडली का मिलान किया जाता है. कुंडली में नाड़ी दोष (Nadi Dosh), भकूट दोष गण, मैत्री स्वभाव को देखा जाता है. भकूट दोष होने से विवाह के बाद परेशानियों का सामना करना पड़ता है वहीं नाड़ी दोष (Nadi Dosh) के होने पर विवाह नहीं किया जाता. इन जातकों की शादी कर दी जाए तो रिश्तें में तनाव बना रहा है कई बार तलाक तक की स्थिति आ जाती है. चलिए ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मजूमदार से नाड़ी दोष (Nadi Dosh) और इसके उपाय के बारे में जानते हैं.
नाड़ी दोष (Nadi Dosh)
वर-वधू दोनों के एक ही नाड़ी के होने से नाड़ी दोष लगता है. नाड़ी दोष तीन प्रकार का होता है. पहला आदि नाड़ी दोष होता है. दूसरा मध्य नाड़ी दोष और तीसरा अन्त्य नाड़ी दोष होता है.
नाड़ी दोष से पड़ते है कई प्रभाव
नाड़ी दोष होने से वर-वधू को वैवाहिक जीवन में समस्यओं का सामना करना पड़ता है. विवाह से पहले नाड़ी दोष का निवारण करना बहुत ही जरूरी होता है. इस दोष के कारण पत्नी को गर्भधारण में परेशानी होती है. ऐसे में संतान के असामान्य पैदा हो सकती है. दांपत्य जीवन बहुत ही खराब बीतता है. रिश्तों में तनाव बना रहा है कई बार तलाक की नौबत आ जाती है.
नाड़ी दोष दूर करने के उपाय
- नाड़ी दोष को दूर करने के लिए पति-पत्नी को साथ में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. मंत्र जाप और दोष का निवारण किसी जानकार से ही कराना चाहिए.
- नाड़ी दोष को दूर करने के लिए अपने वजन के बराबर का अनाज दान करने से भी लाभ होता है. उपाय से नाड़ी दोष को दूर कर सकते हैं.
- इसके प्रभाव को कम करने के लिए अनाज के साथ स्वर्ण, भोजन, गाय और कपड़ों का दान करना भी अच्छा होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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