Narak Chaturdashi 2024: कब और क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी, इसी दिन क्यों जलाया जाता है यम का दीपक

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 22, 2024, 12:00 PM IST

नरक चतुर्दशी को छोटी दीवाली के रूप में मनाया जाता है. इस दिन यम देव के नाम का दीपक जलाने का विधान है. इस दिन यम का दीपक जलाने से व्यक्ति से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है.

Narak Chaturdashi 2024: हिंदू धर्म में नरक चतुर्दशी का दिन विशेष माना जाता है. इसे यम चतुर्दशी या छोटी दिवाली भी कहा जाता है. बड़ी दिवाली से पूर्व आने वाली छोटी दिवाली यानी यम चतुर्दशी पर यम का दीपक जलाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यम चतुर्दशी वह दिन है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने 16,000 गोपियों को बचाया था. साथ राक्षस नरकासुर का खात्मा कर विजय प्राप्त की थी. आइए जानते हैं कि इस साल नरक चतुर्दशी कब मनाई जाती है. क्यों जलाया जाता है यम देव का दीया. इस बार कब है नरक चतुर्दशी

नरक चतुर्दशी तिथि का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है. इस बार 2024 में नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इसकी तिथि दोपहर 1 ​बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी. इसका समापन अगले दिन 31 अक्टूबर को शाम 3 बजकर 52 मिनट पर होगा. इस दिन दीपदान करने का विशेष महत्व है. इसके साथ ही यम का दीपक जलाया जाता है. 

क्यों जलाया जाता है यम का दीपक​

नरक चतुर्दशी को छोटी दीवाली के रूप में मनाया जाता है. इस दिन यम देव के नाम का दीपक जलाने का विधान है. इस दिन यम का दीपक जलाने से व्यक्ति से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. इसके साथ ही नकर के द्वार बंद हो जाते हैं. भगवान की श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है. अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है. यम देव के आशीर्वाद से जीवन में आने वाली परेशानियां और कठिनाईयां खत्म हो जाती हैं. इसे शास्त्रों में बड़ी मान्यता दी गई है. 

इन मंत्रों जाप करना होता है शुभ

नरक चतुर्दशी पर यम का दीपक जलाने के साथ ही कान्हा जी के मंत्रों का जाप बेहद शुभ होता है. इससे व्यक्ति को सोभाग्य की प्राप्ति होती है. जीवन में आने वाले सभी दुख और परेशानियां खत्म हो जाती हैं. इसके लिए नरक चतुर्दशी पर भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः, हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे. और कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम: का जप कर सकते हैं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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