Nautapa 2023: आज से शुरू हो रहा नौतपा, हीट वेव और तपन का चरम झेलने को हो जाएं तैयार

Written By ऋतु सिंह | Updated: May 25, 2023, 06:28 AM IST

Nautapa Start in May- Weather Forecast 

आज से नौतपा यानी गर्मी का चरम शुरू हो रहा है. ज्योतिष ही नहीं, साइंस भी नौतपा को मानता है और इस दौरान बहुत सतर्क रहने की जरूरत होती है क्योंकि 9 दिन सेहत के लिहाज से भारी हो सकते हैं.

डीएनए हिंदीः नौतपा शुरू होने के साथ ही सूर्य की किरणे सीधी धरती को जलाना शुरू करती हैं. इस साल मई के अंतिम सप्ताह से नौतपा शुरू हो रहा है. नौतपा यानी नौ दिनों तक सूर्य का ताप बहुत तेज होगा और ये तन-बदन को जला सकता है. 

ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मौजुमदार के अनुसार इस साल नौतपा 22 मई दिन गुरुवार से शुरू हो रहा है. रोहिणी नक्षत्र 25 मई को रात में शुरू हो जाएगा. इस नक्षत्र का प्रभाव 14 दिनों तक रहेगा, वैसे तो नौतपा का असर  9दिन के हिसाब से 2 जून तक ही रहना चाहिए था लेकिन सूर्य 14 दिन तक रोहिणी नक्षत्र में होगा तो नौतपा का असर भी इतने दिनों तक रहेगा. 

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क्या होता है नौतपा

सूर्य 15 दिन के लिए रोहिणी नक्षत्र में गोचर जब करता है तब नौतपा लगता है. इन 15 दिनों के पहले के 9 दिन गर्मी का चरम होता है. यही शुरुआती 9 दिनों नौतपा कहलाते हैं. लेकिन इस साल ये तपन 12 दिन रहेगी.

नौतपा न हो तो बारिश भी नहीं होगी
नौतपा में सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ने और समुद्र के पानी का वाष्पीकरण तेजी होता है और इससे बादलों का निर्माण होता है. इससे मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं. इस दौरान पूरे उत्तर भारत में गर्म हवाएं यानी लू चलने लगती है. असल में इसी नौतपा से ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ माना जाता है. 

ज्योतिष की गणना के अनुसार नौतपा
 
ज्योतिषाचार्य प्रीतिका बताती हैं कि जब सूर्य-चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो नौतपा प्रारंभ हो जाता है. सूर्य इस नक्षत्र में नौ दिनों तक रहता है. चंद्र देव रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं  जो शीतलता का कारक हैं, परंतु इस समय वे सूर्य के प्रभाव में आ जाते हैं इसलिए उनकी शीतलता भी फीकी होने लगती है. कई ज्योतिषी मानते हैं कि यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है.

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नौतपा का ज्योतिष के साथ-साथ पौराणिक महत्व

ज्योतिष के सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में नौतपा का वर्णन आता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा और देवता ब्रह्मा हैं. क्योंकि सूर्य ताप, तेज और चंद्र शीतलता का प्रतीक होता है इसलिए चंद्र से धरती को शीतलता तो सूर्य से गर्मी मिलती है लेकिन नौतपा में  सूर्य, चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश कर सबको अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है.
 
जिस तरह कुंडली में सूर्य जिस ग्रह के साथ बैठ जाए वह ग्रह अस्त के समान हो जाता है, उसी तरह चंद्र के नक्षत्र में सूर्य के आ जाने से चंद्र के शीतल प्रभाव क्षीण हो जाते हैं यानी पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती. इस कारण ताप अधिक बढ़ जाता है. 
 
नौतपा में किन बातों का रखें ख्याल
 

  1. नौतपा में पहनावे और खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि जरा सी लापरवही जान भी ले सकती है. 
  2. नौतपा में केवल कॉटन कपड़े पहनने चाहिए. हल्के और कम रंगीन कपड़े पहनना सही होता है, इस दौरान काले कपड़े न पहनें
  3. खानपान में मिर्च-मसाले को छोड़कर सादा भोजन करना चाहिएं. सत्तू, दाल-चावल, हरी सब्जी, प्याज आदि के साथ ही पानी वाले फल तरबूज,खरबूज, खीरा-ककड़ी आदि खूब खाएं.
  4. पानी या जूस का अधिक से अधिक प्रयोग करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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