Navratri Tradition: महिषासुर वध से पहले देवी ने किया था Dhunuchi, जानिए क्या है इस बंगाली डांस का शक्ति सीक्रेट 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 26, 2022, 04:13 PM IST

महिषासुर वध से पहले देवी दुर्गा ने शक्ति बढ़ाने के लिए किया था धुनुची नृत्य

Dhunuchi Nach को शक्ति नृत्य के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह नृत्य देवी दुर्गा ने महिषासुर के वध के समय पर शक्ति में वृद्धि के लिए किया था.

डीएनए हिंदीः (Durga Puja Dhunuchi Naach Tradition) हमारे देश के विभिन्न राज्यों में विभिन्न संस्कृतियां, रीति-रिवाज और परंपराएं प्रचलित हैं, इनमें से कुछ एक परंपराएं ऐसी हैं जिन्हें देख कर हर कोई रोमांचित हो उठता है. ऐसी ही बंगाल की एक परंपरा है धुनुची नृत्य (Dhunuchi Naach). इस नृत्य में गजब का संतुलन देख कर हर कोई दंग रह जाता है. इसे शक्ति नृत्य के रूप में भी जाना जाता है. इस मान्यता के पीछे कथा यह है कि यह नृत्य देवी दुर्गा ने महिषासुर के वध से पहले अपनी शक्ति में वृद्धि के लिए किया था.

यह भी पढ़ें: कभी सोचा है क्यों दुर्गा के साथ होता है महिषासुर भी मौजूद , गज़ब की है कहानी

यह नृत्य बंगाल में काफी प्रसिद्ध है, इसे अमूमन नवरात्रि  (Shardiya Navratri 2022) के दौरान ही किया जाता है. लोग श्रद्धा और उत्साह के साथ पंडाल के बीच में देवी दुर्गा के समक्ष धुनुची नाच करते हैं, जो अपने आप में काफी अनोखा होता है.

ऐसे किया जाता है धुनुची नृत्य 

बंगाल में हर वर्ष दुर्गा पूजा (Durga puja 2022) के दौरान धुनुची नाच करने की परंपरा है. दरअसल धुनुची एक पात्र होता है जिसमें जलता कोयला, सूखा नारियल कपूर आदि रखा जाता है. जिसे लोग मुंह से पकड़ कर धुनुची नृत्य करते हैं. इसके लिए पहले से कोई तैयारी नहीं की जाती है, इसे लोग सच्ची श्रद्धा से करते हैं. यह देख लोग उत्साहित होते हैं और इस परंपरा में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते

यह भी पढ़ें: Navratri: कन्या पूजन में 2 बालक होने क्यों हैं जरूरी, जानें इस पूजा का महत्व और विधान हैं.

यह है महत्व 

देवी भागवत पुराण के अनुसार जब महिषासुर का आतंक बढ़ रहा था तब सभी देवताओं ने मिल कर मां दुर्गा की स्तुति की थी. जिसके बाद मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था. धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार महिषासुर बहुत बलशाली था इसलिए मां दुर्गा ने महिषासुर के वध से पहले अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए धुनुची नृत्य किया था. दुर्गा पूजा के दौरान सप्तमी से लेकर नवमी तक धुनुची नृत्य किया जाता है. बंगाल में धुनुची नृत्य के साथ ही संध्या आरती भी की जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Shardiya Navratri 2022 Shardiya Navratri Durga Puja 2022 bengal durga puja special dhunuchi naach