Navratri 1st Day: नवरात्रि के पहले दिन करें माता शैलपुत्री की पूजा, जानें देवी पूजा विधि की पूरी डिटेल

ऋतु सिंह | Updated:Sep 26, 2022, 08:41 AM IST


नवरात्रि के पहले दिन करें माता शैलपुत्री की पूजा

Devi Shailputri : नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा का विधान है. इस दिन घटस्थापना और अखंड ज्योति प्रज्वलित होती है.

डीएनए हिंदीः कल सोमवार 26 सितंबर से नवरात्रि शुरू हो रही है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन नवदुर्गा के प्रथम स्वरुप माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है और विधिवत कलश स्थापना भी की जाती है. 

माता शैलपुत्री को माता पार्वती, वृषारुढ़ा के नाम से भी जानते हैं. बता दें, मां दुर्गा के पहले स्वरूप को मां शैली को सौभाग्य और शांति की देवी माना जाता है. मां शैली की पूजा करने से इंसान को सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही व्यक्ति को कीर्ति, यश और धन की प्राप्ति होती है. तो चलिए जानें कि प्रथम देवी शैलपुत्री की पूजा विधि, मंत्र, आरती और उनके भोग से जुड़ी सभी बातें.

जानिए मां शैलपुत्री का स्वरूप (Mata Shailputri Swaroop)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं. इनका जन्म शैल अर्थात पत्थर से हुआ था जिसके कारण इन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है. मां अपनी भक्तों की प्रार्थना सुनने बैल पर सवार होकर आती हैं और एक हाथ में कमल का पुष्प व दूसरे में त्रिशूल धारण करती हैं.

माता शैलपुत्री की महिमा 

मातृ शक्ति यानी स्नेह, करुणा और ममता का स्वरूप कहे जाने वाले माता शैलपुत्री का जन्म पर्वतराज हिमालय के घर हुआ था. इसलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. सफेद वस्त्र धारण के हुए माता के दाएं हाथ में त्रिशुल और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है. वहीं इनके माथे पर चंद्रमा विराजमान है और इनका वाहन बैल है. माता शैलपुत्री सभी जीव जंतुओं की रक्षक भी मानी जाती हैं. अपने पूर्व जन्म में यह प्रजापति दक्ष की कन्या के रुप में उत्पन्न हुई थीं. तब इनका नाम सती था और इनका विवाह शिवजी के साथ हुआ था.

मां शैलपुत्री की पूजा विधि
नवरात्र के पहले दिन सुबह स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ सफेद कपड़े पहनें. देवी मां की पूजा-उपासना करते समय अपना मुंह उत्तर दिशा या फिर पूर्व दिशा की ओर रखें. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करके मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद कलश की स्थापना करें. माता शैलपुत्री का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. माता को सफेद मिठाई, सफेद फूल, अक्षत, सिंदूर और सफेद वस्त्र अर्पित करें. माता की तस्वीर और कलश के सामने घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें. अगर संभव हो सके तो दुर्गा चालीसा या फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. इसके बाद माता को मिठाइयों का भोग लगाएं और माता की आरती करें. इसके अलावा शैलपुत्री माता की कथा, दुर्गा चालीसा, दुर्गा स्तुति या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. ऐसा ही शाम के समय भी मां की आरती करें और उनका ध्यान करें.

मां शैलपुत्री को लगाएं कौन सा भोग 
मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं सबसे ज्यादा प्यारी होती है. इस वजह से मां की पूजा सफेद फूलों से की जाती है और उन्हें सफेद रंग के वस्त्र ही अर्पित किए जाते हैं. वहीं भोग की बात करें तो माता शैलपुत्री को सफेद रंग की दूध से बनी हुई मिठाइयों का भोग लगाया जाता है. 

करें इस मंत्र का जाप (Maa Shailputri Mantra)
मंत्र वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखरम्. 

वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्.. 

पूणेन्दु निभां गौरी मूलाधार स्थितां प्रथम दुर्गा त्रिनेत्राम्॥

पटाम्बर परिधानां रत्नाकिरीटा नामालंकार भूषिता॥

प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम् . कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम् ॥

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:. 

ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:.

अगर आप इस मंत्र क उच्चारण सही से नहीं कर पा रहे हैं या फिर आपको मंत्र जाप करने में समस्या आ रही है तो 'ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:' का जाप कर सकते हैं. दोनों ही मंत्रों का जाप कम से कम 11 माला जरूर करनी चाहिए. माना जाता है कि, अगर कुंवारी कन्या माता शैलपुत्री की विधिवत पूजा करती हैं तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है.

शैलपुत्री माँ की आरती
शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार। 
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे। 
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी। 
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के। 
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे। 
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर 

Navratri Shardiya Navratri 2022 Devi Shailputri Pratham Pujniya Devi Shailputri