Navratri 2024 5th day: कौन हैं देवी ललिता और कब है ललिता पंचमी? जानिए कैसे करें देवी की पूजा  

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 06, 2024, 09:10 AM IST

Lalita Panchami

पंचमी तिथि यानी नवरात्रि उत्सव का 5वां दिन ललिता पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देवी ललिता की पूजा की जाएगी. नवरात्रि उत्सव के 5वें दिन ललिता पंचमी पूजा कैसे करें? हमें देवी ललिता के किस मंत्र का जाप करना चाहिए?

पंचमी तिथि नवरात्रि उत्सव का 5वां दिन है. इस दिन को ललिता पंचमी के रूप में मनाया जाता है. यह दिन अश्विनी मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है. इस पवित्र दिन पर भक्त व्रत रखते हैं. और देवी ललिता की पूजा करती हैं. शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन मनाये जाने वाले इस व्रत की विशेष महत्ता है. ललिता पंचमी के दिन देवी ललिता की पूजा करने से मान्यता है कि देवी ललिता रोगों और दोषों से मुक्ति दिलाती हैं. ललिता पंचमी 2024 सोमवार, 7 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
   
1. ललिता पंचमी का महत्व :
ललिता पंचमी का बहुत महत्व है. यह दिन देवी ललिता को समर्पित है. देवी लिलिता को सभी दस महाविद्याओं में सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली माना जाता है. देवी ललिता को त्रिपुर सुंदरी और षोडशी के नाम से भी जाना जाता है. नवरात्रि में ललिता पंचमी के इस शुभ दिन पर देवी ललिता की पूजा की जाती है.
 
कालिका पुराण के अनुसार, कहानी यह है कि देवी ललिता ललिता पंचमी की पूर्व संध्या पर राक्षस भंडा को हराने के लिए प्रकट हुईं, जो कामदेव की राख से उत्पन्न हुई थी. देवी ललिता का संबंध पंच महाभूतों से है. दक्षिण भारत में देवी ललिता को देवी चंडी के नाम से जाना जाता है. ललिता व्रत करने वाले भक्तों को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. देवी ललिता भक्तों को सफलता और संतुष्टि का आशीर्वाद देती हैं. देवी ललिता का रंग सुंदर है, दो हाथ हैं और वह कमल पर विराजमान हैं. उन्हें भगवान शिव की पत्नी भी माना जाता है.
  
2. ललिता पंचमी पूजा विधि:

- ललिता पंचमी के दिन भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और स्नान करके खुद को शुद्ध करते हैं.
- व्रत का संकल्प लें.
- भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना करते हैं.
- महिलाएं देवी को आभूषण और सिन्दूर चढ़ाएं.
- पंचमी तिथि के इस शुभ दिन पर भक्त देवी स्कंदमाता की पूजा करते हैं.
- दक्षिण भारतीय लोग ललिता देवी मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं.
 
3. ललिता पंचमी मंत्र:

''सर्व मंगल मांगल्ये शिवाय सर्वार्थ साधिके
शरण्ये त्र्यंबिके गौरी नारायणी नमोस्तुते||''

इस मंत्र के अलावा आप इस दिन ललिता सहस्रनाम का जाप भी कर सकते हैं.

यह ललिता पंचमी नवरात्रि उत्सव का 5वां दिन है. इस दिन देवी ललिता की पूजा करने की परंपरा है. ललिता पंचमी के दिन देवी ललिता की पूजा करें और उनके मंत्र का जाप अवश्य करें.
 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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