Navratri: देवी दुर्गा को नहीं चढ़ते ये फूल, जानें मां की पूजा में क्या करें शामिल, क्या नहीं

ऋतु सिंह | Updated:Sep 24, 2022, 10:25 AM IST

देवी दुर्गा को नहीं चढ़ते ये फूल, जानें पूजा करते समय क्या रखें क्या नहीं

Devi Durga Puja Rules: नवरात्रि 26 सितंबर यानी सोमवार से शुरू हो रही है. तो चलिए पहले ही जान लें कि देवी की पूजा में क्या चढ़ांए क्या नहीं.

डीएनए हिंदीः देवी की पूजा (Devi Puja) में भूल कर भी आपको कुछ फूल (Flower) नहीं चढ़ाने चाहिए क्योंकि इन फूलों को चढ़ाना पूजा में वर्जित होता है. दुर्गा मां की पूजा में कुछ चीजें जहां वर्जित (Prohibited Things in Durga Maa Puja) हैं तो कुछ चीजों को चढ़ाना बेहद शुभ माना गया है. तो चलिए जानें कि देवी की पूजा कैसे करनी चाहिए.

नवरात्रि के नौ दिन देवी के नौ रूपों की पूजा होती है और प्रत्येक देवी की पूजा का अलग विधान होता है. नवरात्र उपासना में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए  चलिए जानें

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जलः नवरात्रि देवी को जल देते समय ध्यान रहे कि या तो ये गंगाजल हो या जल में कुछ बूंद गंगाजल की जरूर मिश्रित हो. 

रंगोलीः नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा के लिए अलग से आसन लगाएं और वहां चौक यानी रंगोली बनाएं. वहीं पर कलश की स्थापना करें और अंखंड ज्योति जलाएं. चंदन, धूप, दीप, हवन और नैवेद्यार्पण तक में जल का प्रयोग करें. 
देवी के समक्ष जल रखें और इसे ढक कर रखें. 

कलश: नवरात्रि में उपासना के लिए स्वर्ण, चांदी या तांबा निर्मित कलश का प्रयोग करना उत्तम होता है. इसके अलावा मिट्टी का कलश भी बहुत शुद्ध और पवित्र माना गया है. कलश को भी आटे से बनी रंगोली पर रखना चाहिए.

चंदनः देवी की पूजा में हमेशा लाल चंदन और रोली का प्रयोग करें. साथ ही कलश पर भी यही चंदन लगाएं. 

अक्षत : नवरात्रि पूजन सामग्री में अक्षत प्रमुख सामग्री में से एक माना जाता है. नवरात्र पूजन में अक्षत के प्रयोग में यह सावधानी बरतनी चाहिए कि चावल के दाने टूटे न हों. प्रयोग से पहले चावल को धो ले.

पुष्प : नवरात्र पूजन में लाल रंग के पुष्प का उपयोग किया जाता है. दुर्गा पूजा में कमल, गुड़हल, गुलाब, गेंदा के फूल चढ़ाए जाते हैं. ध्यान रखें कि नवरात्र अनुष्ठान में शास्त्रों के अनुसार कनेर, धतूरा और मदार के पुष्प वर्जित होते हैं.

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धूपः पूजा के समय धूपदानी में अंगारे रखकर उन पर कुछ हवन सामग्री छिड़का जाता है. इस क्रिया को धूप देना कहते हैं. अंगारों पर मिश्रण छिड़ककर पूरे घर में धूप दिखाना चाहिए.

दीपः नवरात्र उपासना में गाय के घी का दीपक जलाना सबसे उत्तम माना जाता है लेकिन ऐसा संभव न हो तो गिरी या तिल के तेल का इस्तेमाल किया जाता है. सरसों का तेल भी इस्तेमाल हो सकता है. बस यह ध्यान रखें कि घी का दीया देवी के दाईं ओर और तेल का दीया बाईं ओर जलाएं.
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नैवेद्यः नवरात्र में देवी दुर्गा को भोग लगाना महत्वपूर्ण माना जाता है. नवरात्र में देवी को नैवेद्य का भोग लगाना चाहिए. इसके अलावा फल का भी भोग लगाया जा सकता है. लाल रंग से बनी चीजें जैसे हलवा, मेवा, मावा मिठाई आदि भोग जरूर लगाएं. 

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विशेष सामग्री
विभिन्न प्रकार के फल, नारियल, केला, अनार, नारंगी, कटहल, बिल्व आदि भेंट करके भक्ति भाव के साथ अन्न दान करें- नवरात्र पूजन के लिए विशेष सामग्री पान, सुपारी, सिंदूर, अबीर, गुलाल, रोली, गुड़, नधु, दूध, दही, घी, कपूर, दूर्वा, पुष्प, बिल्व पत्र, कपास, पंचमेवा, ऋतुफल, कच्चा सूत, कुश, कलश, ढकना, दिया, एक रंग, द्रव्य, आचार्य के लिए धोती, गमछा, चादर, पंचपात्र, सौभाग्य द्रव्य, साड़ी, हवन आदि. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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