Brahmcharini Maa Aarti : नवरात्रि के दूसरे दिन ऐसे करें ब्रह्मचारिणी देवी की आरती, सफेद रंग है माता के इस रूप को प्रिय

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 27, 2022, 03:41 PM IST

Brahmcharini Devi Evening Puja : नवरात्रि के दूसरे दिन तप का आचरण करने वाली ब्रह्मचारिणी देवी की संध्या पूजा और आरती इस तरह की जाती है.

Navratri Day 2  Maa Brahmacharini Puja: आज 27 सितम्बर को शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है. यह दिन ब्रह्मचारिणी देवी को समर्पित है. इस दिन तप का आचारण करने वाली माता की पूजा होती है. ब्रह्मचारिणी माता के नाम का शाब्दिक अर्थ उस देवी से है जो ब्रह्मचर्य जीवन अपनाती है. माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी (Navratri Day 2 Puja) की पूजा करने से व्यक्ति के हर बिगड़े काम बन जाते हैं. वे दुष्टों को सन्मार्ग दिखाने वाली माता मानी जाती हैं. उनकी भक्ति से साधकों में तप करने की शक्ति के साथ-साथ त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य जैसे गुणों में वृद्धि होती है. जानते हैं कैसे करें ब्रह्मचारिणी की संध्या पूजा और आरती...


ब्रह्मचारिणी की संध्या पूजा मन्त्र (Brahmcharini Evening Puja)
ब्रह्मचारिणी देवी की संध्या पूजा करने के लिए कुश का आसन बिछाकर उसे गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए. फिर दीपक प्रज्वलित  वंदन शुरू किया जाना चाहिए. धवल वस्त्र पहनने वाली और हाथ में कमंडल धारण करने वाली ब्रह्मचारिणी माता की पूजा (Brahmcharini Puja) के लिए ज़रूरी है मन और तन शुद्ध हो. उन्हें संध्या भोग में गुड़ और फल चढ़ाया जाता है. साथ ही उनकी आरती की जाती है. ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है. 

Durga Stuti Niyam and Timing: नौ दिनों तक सही समय पर करें सप्तशती पाठ, मिलेगा लाभ


या देवी सर्वभू‍तेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ब्रह्मचारिणी आरती  (Brahmcharini Aarti)
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और मंत्र

दशानन के हर सिर का अलग है अर्थ, जानिए किन अवगुणों का प्रतीक हैं वे

यह भी पढ़ें: महिषासुर वध से पहले देवी ने किया था Dhunuchi, जानिए क्या है इस बंगाली डांस का शक्ति सीक्रेट 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Navratri navratri day 2 Navratri Aarti Brahmcharini Devi Aarti