डीएनए हिंदीः शारदीय नवरात्रि आने में अब कुछ दिन ही शेष हैं तो क्यों न देवी के श्रृंगार से लेकर कलश स्थापना और पूजा में शामिल होने वाली सामग्रियों को पहले ही खरीद लें ताकि अंतिम समय में किसी भी तरह की भूल से बच सकें.
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा यानी 26 सितंबर को शारदीय नवरात्रि का पहला दिन होगा और इस दिन मात्र 45 मिनट ही कलश स्थापना के लिए मिलेंगें. ऐसे में पूजा से जुड़ी सारी जानकारी के साथ आपके पास पूरी सामग्री भी होना जरूरी है़. यहां आपको देवी पूजा, श्रृंगार और कलश स्थापना में प्रयोग होने वाली संपूर्ण सामग्री की राशि दे रहे हैं.
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना में क्या-क्या सामग्री लगती है यह नोट कर लें. सामग्री के साथ यह भी ध्यान रखें कि अगर आपके पास दुर्गा सप्तशती की किताब न हो तो वह भी खरीद लें. क्योंकि हर दिन इस पाठ को देवी के समक्ष करना होता है.
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देवी पूजा के लिए सामग्री
देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के साथ फूल, फूल माला, आम के पत्ते, चौकी में बिछाने के लिए लाल रंग का कपड़ा, बंदनवार, सिंदूर, सोलह श्रृंगार (बिंदी, चूड़ी, तेल, कंघी, शीशा आदि), पंचमेवा, गंगाजल, नैवेध, जावित्री,नारियल जटा वाला, पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, थोड़ी पिसी हुई हल्दी, आसन, चौकी, मौली, रोली, कमलगट्टा, शहद, शक्कर, सूखा नारियल, नवग्रह पूजन के लिए सभी रंग या फिर चावलों को रंग लें, दूध, वस्त्र, दही, पूजा की थाली, दीपक, घी, अगरबत्ती आदि की व्यवस्था पहले से ही कर लें.
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कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री
नवरात्रि के दिनों में भगवान गणेश के रूप में कलश स्थापना की जाती है. इसके साथ ही इसमें ग्रह, नक्षत्र आदि भी विराजमान होते हैं. माना जाता है कि इस कलश में 33 कोटि देवी-देवता भी होते हैं. कलश स्थापना के लिए थोड़ी सी मिट्टी, मिट्टी का घड़ा, मिट्टी का ढक्कन, कलावा, जटा वाला नारियल, जल, गंगाजल, लाल रंग का कपड़ा, एक मिट्टी का दीपक, थोड़ा सा अक्षत, हल्दी-चूने से बना तिलक, पान के पत्ते, बौने के लिए जौ, कलश के नीचे रंगोली बनाने के लिए आटा या रंग मिट्टी की कटोरी के ऊपर रखने के लिए चावल या गेहूं.
मां दुर्गा के सोलह श्रृंगार की लिस्ट
देवी के सोलह श्रृंगार के लिए लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, काजल, मेहंदी, महावर, शीशा, बिछिया, इत्र, चोटी, गले के लिए माला या मंगलसूत्र, पायल, नेल पेंट, लाली (लिपस्टिक), चोटी के लिए बैंड, नथ, गजरा, मांग टीका, कान की बाली, कंघी, शीशा आदि एकत्र कर लें.
कन्या पूजा के लिए सामग्री
कन्या पूजन के लिए गंगाजल, साफ कपड़ा (कन्या का पैर साफ करने के लिए), रोली, अक्षत, पुष्प (फूल), कलावा, चुनरी, फल और मिठाई रख लें और दक्षिणा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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