डीएनए हिंदी: देवी की पूजा के समय अखंड ज्योति, कलश स्थापना और ज्वार बोने का हर नवरात्रि में विधान होता है. पूजा में बोए गए ये ज्वार समय के साथ उगने लगते हैं और इसमें कई तरह के बदलाव नजर आते हैं. ये बदलाव कई संकेत देते हैं.
असल में ये ज्वार सुख-समृद्धि और वृद्धि का परिचायक होते हैं और जब ये उगने लगते हैं तो कई तरह के शुभ और अशुभ का संकेत देते है. अब यह कैसे पहचाना जा सकता है कि ये ज्वार शुभ संकेत दे रहे या नहीं, चलिए जानें.
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नवरात्रि में बोए ज्वार देते हैं कुछ ऐसे संकेत
- अगर ज्वार का रंग अगर नीचे से पीला हो और उपर से ये हरा हो तो इसका मतलब होता है कि साल का आधा समय तो आपको अच्छा होगा और आधा समय कठिता से भरा होगा.
- बोए हुए ज्वार पर अगर सफेद या हरे रंग अंकुर दिख रहा तो ये शुभ का संकेत होता है.
- ज्वार अंकुरित होना शुभ तो झड़ना अशुभ संकेत देता है.
- ज्वार बोने के तीन दिनों बाद उगने लगे और हरा-भरा हो जाए तो ये शुभ माना जाता है.
- ज्वार की बढ़ोतरी तेजी से होने का मतलब देवी की कृपा से सुख-समद्धि पाना है.
- ज्वार पीले रंग में उगने से घर में खुशियां आने के संकते हैं.
- ज्वार अगर उग नहीं पा रहा तो ये कठिन समय का संकेत देता है.
- सूखे ज्वार या अचानक से इसका सूखना बीमारी का संकेत होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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