Navratri Trivia : कभी सोचा है क्यों दुर्गा के साथ होता है महिषासुर भी मौजूद , गज़ब की है कहानी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 22, 2022, 11:11 AM IST

देवी भागवत पुराण में मिलता है महिषासुर का जिक्र

मां दुर्गा ने ही महिषासुर का वध किया था जिसकी वजह से उन्हें महिषासुर मर्दिनी कहा जाता है. आइए जानते हैं आखिर मां दुर्गा ने क्यों किया था इस असुर का वध

डीएनए हिंदीः (Mahishasur Ki Kahani) नवरात्रि के दौरान (Shardiya Navratri 2022) अक्सर आपने देखा होगा जहां भी मां दुर्गा की पूजा की जाती है, वहां पर भगवती की प्रतिमा के साथ परम शक्तिशाली असुर महिषासुर की प्रतिमा भी होती है. मूर्ति के साथ-साथ तस्वीरों में भी मां दुर्गा महिषासुर का वध (Mahishasur Vadh) करती हुई नजर आती हैं. ऐसे में आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि मां दुर्गा (Durga Puja) के साथ मूर्तियों व तस्वीरों में महिषासुर क्यों होता है. दरअसल महिषासुर को करुणामयी मां दुर्गा का एक वरदान प्राप्त है. जिस वजह से आदिशक्ति मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ महिषासुर की प्रतिमा भी बनाई जाती है. 

देवी भागवत पुराण में मिलता है महिषासुर का जिक्र 

देवी भागवत पुराण के अनुसार रंभ असुर ने अग्नि देव की तपस्या से एक पुत्र प्राप्त किया था जो महिषी यानी भैंस से उत्पन्न हुआ था. इसलिए इस असुर का नाम महिषासुर पड़ा जो वरदान के कारण कभी भी मनुष्य या भैंस का रूप धारण कर लेता था. 

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कुछ समय बाद महिषासुर ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर उनसे वरदान प्राप्त कर लिया कि उसका वध केवल कोई स्त्री ही कर सकती थी. जिसके बाद उसने देवलोक पर अधिकार कर लिया. महिषासुर के शासन से देवता और मनुष्य दोनों ही भय में आ गए. 

ऐसे में सभी देवताओं ने मिलकर अपनी तेज से एक तेजोमय शक्ति को प्रकट किया यही देवी मां दुर्गा कहलायीं. जिसके बाद सभी देवताओं ने अपने अस्त्र शस्त्र से मां भगवती को सुसज्जित किया. 

महिषासुर को मिला था मां दुर्गा का वरदान 

मां दुर्गा ने महिषासुर को युद्ध के लिए ललकारा. यह युद्ध लगातार 9 दिनों तक चला जिसके बाद महिषासुर को मां दुर्गा की शक्तियों का अहसास हो गया और उसने मां दुर्गा से प्रार्थना की,  आपके हाथों से ही मेरा वध हो और मुझे मोक्ष मिले. 

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जिसके बाद मां दुर्गा ने उसे क्षमा कर दिया और उसे वरदान दिया कि मेरे हाथों से मृत्यु पाकर तुम्हें मोक्ष प्राप्त होगा और मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा की जाएगी.

देवी भागवत पुराण के अनुसार नवरात्रि के दिनों में महिषासुर का वध करते हुए देवी की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए. इससे भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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