डीएनए हिंदीः नवरात्रि में प्रॉपर्टी खरीदने, गृह प्रवेश से लेकर विवाह के लिए वर-वधू देखना तक शुभ माना जाता है. अगर आप वाहन या अचल संपत्ति खरीदने का मन बना रहे तो नवमी पर बेहद शुभ योग बन रहे हैं. हालांकि अष्टमी और नवमी दोनों ही वाहन से लेकर गृहप्रवेश तक के लिए शुभ होती है, लेकिन नवमी पर ग्रहों का विशेष संयोग दिख रहा है.
बता दें कि 4 अक्टूबर को कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें जमीन, घर और गाड़ी खरीदने का बेहद शुभ और फलदायी योग बन रहा है. नवरात्रि के दौरान बुध, गुरु और शनि अपनी राशि में विराजमान हैं और ये योग आसानी से नहीं बनता जब तीनों ग्रह अपनी ही राशियों में एक साथ बैठे हों. ग्रहों की यह स्थिति शुभ फल देने वाली होती है. इन शुभ योगों में प्रॉपर्टी और वाहन की खरीद बहुत शुभ मानी जाती है. तो चलिए जानें ये शुभ योग कब-कब बन रहे हैं.
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ऐसा माना जाता है नवरात्रि में वाहन खरीदने या गृह प्रवेश (Griha Pravesh) करने से घर में सुख और समृद्धि आती है. इसके साथ ही देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) का वास होता है.अगर आप भी इस साल गृह प्रवेश का सोच रहे हैं तो नवमी बहुत ही शुभ हैं लेकिन उससे पहले कुछ बातें जरूर ध्यान में रखें.
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4 अक्टूबर, मंगलवार को नवरात्रि की नवमी तिथि रहेगी. इस दिन रवियोग के साथ-साथ सुकर्मा व पद्म नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे. इन शुभ योगों में भी खरीदी की जा सकेगी. मान्यता है कि इन शुभ योग में अगर आप वाहन या घर संपत्ति खरीदते हैं तो उससे हमेशा घर में बरकत आती है और कभी ये घाटा या नुकसान नहीं देते.
नवरात्रि में गृह प्रवेश कैसे करें ( How to griha pravesh in Navratri)
किसी भी मांगलिक या शुभ कार्य में कलश का खास महत्व होता है, इसलिए नए घर में प्रवेश करते वक्त कलश को साथ रखें. साथ ही कलश में जल भरकर उसमें आम की 5 पत्तियों वाला पल्लव और जलयुक्त नारियल जरूर रखें. इसके अलावा कलश और नारियल पर लाल चंदन या कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं.
इसके बाद पहले घर के मेन गेट पर आम के पत्ते, अशोक के पत्तों के तोरण जरूर लगाएं. इसके अलावा मुख्य प्रवेश द्वार पर मां लक्ष्मी के पैर के चिह्न भी बनाएं. संभव हो तो रंगोली भी बना सकते हैं. इसके बाद गृह प्रवेश के समय पूजन सामग्री के तौर पर नारियल, हल्दी, अक्षत, गुड़ इत्यादि की व्यवस्था पहले से कर लें. गृह प्रवेश के दौरान पति-पत्नी एक साथ प्रवेश करते हैं. ऐसे में इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए. दरअसल ऐसा करना शुभ माना जाता है. गृह प्रवेश के समय पत्नी को अपना बायां पैर और पति को अपना दायां पैर पहले बढ़ाना चाहिए. नए घर में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और उनके मंत्रों का उच्चारण करें.
इसके बाद ईशान कोण में बने पूजा घर में मंगल कलश स्थापित करें. इसके साथ ही वहां गणेश जी की मूर्ति, श्रीयंत्र और दक्षिणवर्ती शंख की स्थापना और पूजा करनी चाहिए. नवरात्रि के दौरान गृह प्रवेश करने के बाद घर के कोने-कोने में गंगाजल और हल्दी-चावल का छिड़काव करना चाहिए. इसके अलावा दुर्गा सप्तशती और रामचरित मानस का पाठ करना या करवाना शुभ रहेगा.
ऐसे करें वाहन की पूजा
वाहन की पूजा के लिए कर्पूर, नारियल, फूलमाला, जल का कलश, गुड़ या मिठाई, कलावा, सिंदूर घी मिश्रित सामग्री खरीद लें. ज्योतिषियों के मुताबिक घर में नए वाहन के प्रवेश से पहले आम के पत्ते से तीन बार गंगा जल छिड़के। ऐसा करने से वाहन घर का हिस्सा हो जाता है। जल का छिड़काव करने के बाद वाहन पर सिन्दूर व घी के तेल के मिश्रण से स्वस्तिक का निशान बना दें। शास्त्रों में स्वस्तिक का बहुत महत्व बताया गया है। इसे वाहन पर लगाने को शुभ माना जाता है। इसके बाद वाहन पर फूलमाला पहनाएं और वाहन पर तीन बार कलावा लपेट दें।
कलावा रक्षासूत्र होता है, जो हमारे वाहन की रक्षा करता है। वाहन की कर्पूर से आरती करें और कर्पूर की राख से वाहन पर तिलक लगा दें। राख का तिलक वाहन को नजरदोष से बचाता है। इसके बाद कलश में रखे जल को दाएं-बाएं डाले दें। अब अपने वाहन पर मिठाई रख दें और पूजा के बाद इस मिठाई को गाय को खिला दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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