डीएनए हिंदीः यहां आपको एक खास रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके साथ एक कहावत जुड़ी हुई हैं, वह यह कि- ये रत्न राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है. ऐसा इसलिए कि ये रत्न बेहद शक्तिशाली होता है और यदि ये किसी को सूट कर गया तो समझ लें जीवन की सारी खुशियां उसे हासिल होने से कोई नहीं रोक सकता लेकिन ये सूट न किया तो आपका बना बनाया साम्राज्य, धन और सम्मान सब ले बीतेगा.
नीलम रत्न की बात यहां कर रहे हैं और ये न्याय के देवता शनि का रत्न है. क्योंकि ये शनि का रत्न है इसलिए इसमें खूबियां भी शनि की तरह होती हैं. यानी खुश तो जातक आसमान छू ले और शनि नाराज तो समझ लें धरती पर ही नर्क भोगना. तो चलिए आज आपको नीलम रत्न के बारे में बताने के साथ ही यह भी बताएं कि ये स्टोन किसे पहनना शुभफल देता है और किसे इससे दूर रहना चाहिए.
नीलम और शनि का जानिए कनेक्शन
आमतौर पर, ज्योतिष और हस्तरेखा शास्त्र में, किसी की कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर रत्नों की सिफारिश की जाती है. नीला मकर और कुंभ राशि के दो राशियों के साथ यथोचित रूप से अच्छी तरह से समायोजित होता है. इन दोनों राशियों पर शनि देव का शासन है. शनि एक धीमी गति से चलने वाला ग्रह है जो नीले रंग का उत्सर्जन करता है और किसी व्यक्ति के जीवन में बाधाओं, सीमाओं और बाधाओं को लाने के लिए जाना जाता है.
ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मौजूमदार बताती हैं कि यदि आपके ज्योतिषीय चार्ट में शनि कमजोर है तो यह आपके लिए कई समस्याओं और क्लेशों का कारण बन सकता है. दूसरी ओर, यदि आप पर शक्तिशाली शनि की कृपा है, तो सफलता, प्रसिद्धि और सौभाग्य आपके पैर छूना निश्चित है. जब शनि को सूर्य, चंद्रमा, मंगल और राहु के साथ ज्योतिषीय चार्ट में रखा जाता है, तो यह नकारात्मक परिणाम दे सकता है. इस प्रकार, शक्तिशाली नीलम पहनने या न पहनने का निर्णय एक विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद लिया जाना चाहिए.
नीलम रत्न किसे धारण करना चाहिए और किसे नहीं
1. मेष राशि के जातकों को नीलम तभी धारण करना चाहिए जब शनि की महादशा चल रही हो. जिन व्यक्तियों के लिए शनि 2रे, 7वें, 10वें और 11वें भाव में स्थित है, वे इस रत्न को धारण करने की कोशिश कर सकते हैं.
2.जिस वृष लग्न की कुंडली में शनि पहले, दूसरे, पांचवें, नौवें, दसवें या ग्यारहवें भाव में स्थित हो, वह आत्मविश्वास के साथ नीलम रत्न धारण कर सकता है.
3. मिथुन राशि वालों के लिए, नीलम पहनने का गहन मूल्यांकन किया जाना चाहिए क्योंकि शनि इस जातक के एक शुभ और एक अशुभ भाव को धारण करता है. जब शनि पहले, चौथे, पांचवें, नौवें या दसवें घर में स्थित हो, तो नीलम (नीलम) रत्न को तीन दिनों की परीक्षण अवधि के बाद पहना जा सकता है.
4. कर्क राशि के जातकों के लिए शनि एक शुभ ग्रह नहीं है लेकिन अगर यह सही भावों में स्थित है तो यह आध्यात्मिकता, गुप्त ज्ञान और साझेदारी से लाभ देता है. शुभ घर 4, 7 और 11 हैं.
5. सिंह राशि के स्वामी शनि और सूर्य की शत्रुता से हर कोई वाकिफ है. इस जातक को नीलम रत्न तभी धारण करना चाहिए जब शनि तीसरे, छठे, सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में स्थित हो.
6. कन्या राशि के जातकों के लिए शनि एक तटस्थ ग्रह है और उन्हें नीलम तभी धारण करना चाहिए जब शनि 1, 2, 5, 9, 10 या 11वें भाव में अनुकूल स्थिति में हो.
7. तुला राशि के जातकों के लिए शनि बहुत ही अनुकूल और शक्तिशाली ग्रह है. वे व्यक्ति जिनके लिए शनि पहले, चौथे, पांचवें या नौवें भाव में स्थित है, उन्हें अपने भाग्य और भाग्य को बढ़ाने के लिए नीलम रत्न धारण करना चाहिए. वृश्चिक राशि पर शनि की अनुकूलता नहीं है. अत: इन लोगों को किसी ज्योतिषी से परामर्श करके ही इस रत्न को शनि प्रधान काल में धारण करना चाहिए.
तो नीलम धारण करने से पहले किसी ज्योतिष की सलाह जरूर लें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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