डीएनए हिंदीः भारत की नई संसद के इमारत के विभिन्न प्रवेश द्वारों पर रखी जानवरों की राजसी मूर्तियों के पीछे के दर्शन को भी समझाता है. संसद के छह प्रवेश द्वारों पर शुभ जानवरों के साथ-साथ पौराणिक प्राणियों की मूर्तियां भी हैं जिन्हें "द्वारपाल" के रूप में रखा गया है. प्रवेश द्वार की स्थापनाओं में गरुड़ (ईगल), गज (हाथी), अश्व (घोड़ा), मग्गर (मगरमच्छ), हंस (हंस) और शार्दुल (पौराणिक प्राणी) शामिल हैं. इसमें कहा गया कि प्रत्येक जानवर प्रकृति और उसके विभिन्न रूपों का प्रतीक है.
लोकसभा भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर से प्रेरित है और पुराने सदन के आकार से दोगुना है. राष्ट्रीय पक्षी के पंखों से बने डिज़ाइन दीवारों और छत पर उकेरे गए हैं, जो चैती कालीनों से पूरित हैं. इस बीच, राज्यसभा राष्ट्रीय फूल कमल से प्रेरित है और पुराने उच्च सदन कक्ष के आकार का लगभग 1.5 गुना है. इसमें कहा गया है कि दोनों कक्ष देश के नागरिकों को समर्पित हैं, यही कारण है कि यहां एक विशाल दर्शक दीर्घा है. तो चलिए आपको आज उन राजसी जानवरों की तस्वीरों के बारे में बताएं कि वो किसका प्रतीक हैं और क्या इंगित करती हैं.
गरुण-शार्दुल
गरुड़ दिव्य शक्तियों और अधिकार का प्रतीक है. भगवद् गीता में कहा गया है कि भगवान विष्णु में ही सारा संसार समाया है. सुनहरे रंग का बड़े आकार का यह पक्षी भी इसी ओर संकेत करता है. असल में शार्दुला और गरुड़ आकाश के प्रतीक हैं.
शेर
शेर देवी दुर्गा की सवारी होने के साथ खौफ ,बहादुरी,और विजय का प्रतीक है.
हंस
हंस एकनिष्ठ प्रेम का प्रतीक है. शास्त्रों में वर्णित हंस-हंसनी के प्रेम की कथाओं को आज विज्ञान ने भी सहमति दी है. हंस अपना जोड़ा एक ही बार बनाते हैं. यदि उनमें से किसी एक की मौत हो जाती है तो दूसरा उसके प्रेम में अपना जीवन बिता देता है, पर दूसरे को अपना जीवन साथी नहीं बनाता.
मगर
मगरमच्छ देवी गंगा का वाहन है और ये जलीय प्राणियों में सर्वाधिक शक्तिशाली और परम वेगवान माना गया है. यानी जल का राजा.
घोड़ा
घोड़े शक्ति, गति और साहस का प्रतीक हैं.
हाथी
हाथी बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है और अपनी स्मरण शक्ति तथा बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ उनकी बुद्धिमानी डॉल्फ़िन तथा वनमानुषों के बराबर मानी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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