क्या किसी व्यक्ति का पुनर्जन्म होता है? भारतीय शास्त्र के अनुसार हाँ, ऐसा होता है. पूर्व जन्म में किये गये कर्मों के फलस्वरूप हमें इस जन्म में माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी, प्रेमिका, मित्र-शत्रु, रिश्तेदार आदि सांसारिक रिश्ते मिलते हैं. धार्मिक विद्वानों के अनुसार इस जीवन में हमें जो भी रिश्ते मिलते हैं, हमें उनसे कुछ लेना-देना होता है. इसी प्रकार व्यक्ति के पूर्व जन्म का कोई एक 'रिश्तेदार' ही आकर शिशु के रूप में जन्म लेता है, जिसका शास्त्रों में चार प्रकार से वर्णन किया गया है.
पुनर्जन्म का पूर्व जन्म से संबंध
आपके पिछले जीवन का कोई भी व्यक्ति जिससे आपने उधार लिया था या उसका पैसा किसी भी तरह से बर्बाद कर दिया था. ऐसे में वह आपके घर में बच्चे के रूप में जन्म लेगा और आपका पैसा बीमारी या फालतू कामों में तब तक बर्बाद करेगा जब तक उसका हिसाब पूरा नहीं हो जाता. इसके बाद वह बुरी आदत या इस दुनिया को छोड़ देता है.
दुश्मन की तरह होगी संतान
पिछले जन्म का कोई शत्रु आपसे बदला लेने के लिए बच्चे के रूप में आपके घर आएगा. जब वह बड़ा हो जाता है तो जीवन भर अपने माता-पिता से लड़ता-झगड़ता रहता है या किसी न किसी तरह उन्हें परेशान करता रहता है. वह हमेशा कड़वे शब्दों से आपका अपमान करेगा और आपको दुखी रखकर खुश रहेगा.
पुत्र नहीं देगा साथ
इस प्रकार का 'पुत्र' न तो माता-पिता की सेवा करता है और न ही उन्हें प्रसन्न करता है और उन्हें उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ देता है. शादी के बाद ऐसा बच्चा अपने माता-पिता से अलग हो जाता है.
बुढ़ापा कटेगा मुश्किल में
यदि आपने पिछले जन्म में किसी की बहुत सेवा की है तो वह अपनी सेवा का ऋण चुकाने के लिए पुत्र बनकर आपकी सेवा करने आता है. यदि आपने अपने माता-पिता की सेवा की है तो ही आपके बच्चे बुढ़ापे में आपकी सेवा करेंगे वरना बुढ़ापा मुश्किल में कटेगा.
कर्जदार बनेंगे आप
ऐसा मत सोचिए कि ये सारी बातें सिर्फ इंसानों पर ही लागू होती हैं. किसी भी जीव को इन चार प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है. आपने निःस्वार्थ भाव से गाय की सेवा की है, वह भी लड़का या लड़की बनकर आ सकती है. यदि आप स्वार्थवश गाय पालते हैं और दूध देना बंद कर देने पर उसे घर से बाहर निकाल देते हैं, तो वह कर्जदार पुत्र या पुत्री के रूप में जन्म लेती है.
दुश्मन होंगे ज्यादा
अगर आपने किसी निर्दोष जानवर के साथ दुर्व्यवहार किया है तो वह आपके जीवन में दुश्मन बनकर आएगा. इसलिए जीवन में कभी भी किसी की बुराई न करें क्योंकि प्रकृति का नियम है कि आप जो भी करेंगे उसका प्रतिफल आपको इस या अगले जन्म में सौ गुना होकर मिलेगा. अगर आपने किसी को एक रुपया दिया है तो मान लीजिए कि आपके खाते में सौ रुपये जमा हो गए हैं. अगर आपने किसी से एक रुपया छीना है तो मान लीजिए कि आपकी जमा पूंजी से 100 रुपये निकाल लिए गए हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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