डीएनए हिंदीः कहा जाता है कि किसी व्यक्ति को अच्छे दिल से अगर किन्नर आशीर्वाद दे दें तो उसके जीवन के सारे कष्ट मिट जाते हैं और व्यक्ति सफलता की ओर बढ़ने लगता है. वहीं, किन्नर दुखी मन से श्राप या हाय दे दें तो व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है, उसके सामने कई मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं. यही कारण है कि लोग किन्नर की बद्दुआ से बचते हैं. किन्नर समाज से जुड़े ऐसे कई राज हैं जिनके बारे में बहुत कम ही लोग ही जानते हैं. वैसे तो किन्नर सबको आशीर्वाद देते हैं. लेकिन, किन्नर जल्दी किसी को आशीर्वाद के रूप में एक रुपये का सिक्का नहीं देते हैं. ऐसा क्यों है? आइए जानते हैं इसके बारे में..
जल्दी नहीं देते 1 रुपये का सिक्का
कहा जाता है कि अगर आप बुधवार के दिन किन्नरों से ₹1 का सिक्का मांगते हैं और अगर वो आपको दे देते हैं तो इसका मतलब है कि आपकी तरक्की तय है. हलांकि वो इस बारे में भली भांति जानते हैं इसलिए बहुत ही सौभाग्य से किसी को उनके हाथों से आशीर्वाद के रूप में 1 रुपये का सिक्का मिलता है.
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किन्नरों को दान में कभी न दें ये चीजें
सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व है और विशेष अवसरों पर इन दानों का महत्व और भी बढ़ जाता है. इतना ही नहीं सनातन धर्म में किन्नरों को दान देना बेहद शुभ कार्य माना जाता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार किन्नरों को दान करने से कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है और गणेश जी प्रसन्न होते हैं.
लेकिन किन्नरों को दान देने के नियमों के अनुसार कुछ चीजों का दान किन्नरों को देना वर्जित है. दरअसल किन्नरों को प्लास्टिक की वस्तुएं, पुराने कपड़े, तेल और झाड़ू दान में कभी नहीं देने चाहिए.
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क्या करें दान
किन्नरों को अनाज, कपड़े या पैसे दान करना शुभ माना जाता है और जब भी आप किन्नरों को कोई वस्तु दान करें तो उसके बदले में के रूप में उनसे कुछ सिक्के जरूर लें. ज्योतिषीय उपायों के अनुसार अगर आप किन्नरों द्वारा लौटाए गए सिक्कों को तिजोरी में रखते हैं, तो आपका आर्थिक जीवन समृद्ध हो जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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