Jagannath Puri Temple: जगन्नाथ पुरी मंदिर के पिलर में दरार दे रहा गंभीर संकेत, जानें ज्‍योतिष प्रभाव

Written By ऋतु सिंह | Updated: Sep 03, 2022, 10:33 AM IST

जगन्नाथ पुरी मंदिर के पिलर में दरार दे रहा गंभीर संकेत, जानें ज्‍योतिष प्रभाव

Jagannath Puri Pillar Crack Sign: ओडिशा स्थित जगन्नाथ पुरी मंदिर के अरुण स्तंभ में दरार ज्‍योतिष की नजर में कई गंभीर संकेत दे रहा है. इस दरार से राजैनितक ही नहीं, प्राकृतिक उठा-पटक का अंदेशा मिल रहा है.

डीएनए हिंदी:  ज्योतिषशास्त्र की नजर में  जगन्नाथ पुरी मंदिर पिलर में आई दरार को कई तरह से देखा जा रहा है. बता दें कि मंदिर के सिंहद्वार के सामने मौजूद 33 फ़ीट 8 इंच ऊंचे अरुण स्तंभ में दरार नजर आई है. 

ज्‍योतिष के अनुसार ये दरार अच्‍छे संकेत नहीं दे रही है और इससे ओडिशा के राजनैतिक गलियारों में उथल-पुथल बचेगी और प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं भी बढ़ेंगी. तो चलिए ज्‍योतिष की नजर से जानें कि अरुण स्तंभ में दरार क्‍या संकेत दे रहा है. 

18वीं शताब्दी में स्थापित अरुण स्तंभ बना था और मेदिनी ज्योतिष के अनुसार इसमें कोई भी बदलाव या दरार अच्‍छा संकेत नहीं देती है. वहीं, पांचवी सदी के ग्रंथ वृहत संहिता के उत्पात-अध्याय में भूमि, आकाश, अंतरिक्ष, देव-स्थान यानी मंदिर आदि में दरार अच्‍छे संकेत नहीं माने गए हैं. ये  प्रकृति व स्वभाव के विपरीत प्रभाव दिखाते हैं. 

वृहत संहिता के इस अध्याय के आठवें श्लोक में 'शिवलिंग, देव-प्रतिमा, मंदिर, मूर्तियों आदि के टूटने, फटने, बिना जल के गीले होने, आवाज़ आना इसे उस राज्‍य के राजा के लिए विशेष रूप से अपशकुन माना गया है. 

बता दें कि पिछले साल गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर के शिखर पर बिजली का गिरना भी अशुभ संकेत था और वहा के मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए ये अशुभ रहा था. 

पिछले साल 13 जुलाई को गुजरात के प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर की गुंबज पर 52 गज की ध्वजा पर बिजली गिरने से उसमें आग लग लगी थी और कुछ दीवारें काली भी पड़ गयी. वहीं, 12 सितंबर को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने सभी मंत्रियों के साथ इस्तीफा दिया और केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर भूपेंद्र भाई पटेल के नए मुख्यमंत्री बन गए थे. 

सीएम नवीन पटनायक की कुंडली और अरुण स्तंभ से संबंध 
16 अक्टूबर 1946 को रात 1 बजे कटक ओडिशा में जन्मे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की कुंडली कर्क लग्न की है और इनकी चंद्र राशि मिथुन है. अरुण स्‍तंभ में दरार नवीन पटनायक के लिए संघर्ष लाएगा. अप्रैल 2023 तक उनके लिए कठिन समय होगा.

 20 साल से भी अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहे नवीन की कर्क लग्न की कुंडली में सिंहासन स्थान यानी चतुर्थ भाव में योगकारक मंगल तथा नवमेश गुरु का प्रबल राजयोग बना हुआ है. इनकी कुंडली में विवाह स्थान यानी सप्तम भाव पर शनि विराजमान हैं और यही कारण है कि वह अविवाहित रहे हैं. वर्तमान में केतु की विंशोत्तरी दशा में शनि की अशुभ अंतर्दशा फरवरी 2022 से अप्रैल 2023 तक चलेगी जो इनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है.

कुंडली में चंद्रमा मिथुन राशि में है जिससे अष्टम भाव में मकर राशि में गोचर कर रहे शनि कुछ स्वस्थ्य संबंधी कठिनाई तथा राजनीतिक उथल-पुथल की ओर भी संकेत कर रहे हैं. सीएम नवीन की कुंडली में केतु-शनि की कठिन दशा आगामी अप्रैल 2023 तक राज्य में कुछ अशुभ घटनाओं की ओर संकेत दे रही है l

ओडिशा के लिए शुभ संकेत नहीं, प्राकृतिक आपदा का रहेगा डर
8 नवंबर को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण के आस-पास ओडिशा में समुद्री चक्रवात के कारण भारी वर्षा से जन-धन की हानि हो सकती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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