डीएनए हिंदी: शनिदेव एक राशि से दूसरी राशि में जब भी प्रवेश करते हैं तो ढाई महीने पहले से ही उनका प्रभाव नजर आने लगता है. किसी भी राशि में प्रवेश करते ही सर्वप्रथम शनिदेव जातक के मस्तिष्क और कर्म को अपने नियंत्रण में ले लेते हैं. जातक की समस्त चेतना शक्ति तब शनिदेव के कब्जे में होती है. यही कारण है जब शनि की साढ़े साती होती है तो जातक का मन-मस्तिष्क, विचार और कर्म भी भ्रमित होने लगते हैं और उसे अच्छे और बुरे का ज्ञान नहीं रह जाता है.
यह भी पढ़ें : Jyotish Tips: घर से निकलते समय मिलें ऐसे संकेत तो कैंसिल कर दें यात्रा, होता है अशुभ
शनि की साढ़े साती का मतलब है सात साल तक शनि का प्रकोप और ढैया का मतलब है ढाई साल तक शनि का प्रकोप. दोनों ही स्थितियों में लक्षण एक होता है और जातक जीते जी नरक समान जीवन जीने को मजबूर होता है. तो चलिए जानें वो लक्षण क्या हैं जो शनि की नाराजगी को दर्शाते हैं.
यह भी पढ़ें : Bad Effect of Planets: इन ग्रहों का खेल बिगाड़ता है अपनों से रिश्ता, जानिए
साढ़े साती या ढैया पर नजर आते हैं ये लक्षण
- अगर अचानक से आपके बनते काम बिगड़ने लगें और आर्थिक हानि होने लगे तो ये संकेत शनि के बुरे प्रभाव का है.
- बिना बात या छोटी-छोटी बात पर आपको गुस्सा आने लगे या बेवजह झगड़ा होने लगे तो समझ लें शनि की साढ़े साती चल रही है.
- यदि बीमारी से शरीर आए दिन अलस्त रहे या ऐसी गंभीर बीमारी हो जाए जिससे तन और मन टूटने लगे तो ये भी लक्षण शनि का है.
- पति-पत्नी में लड़ाई बढ़ जाए
- पढ़ने में होशियार बच्चा अगर पढ़ने से भागने लगे या किसी अनैतिक काम करने लगे तो ये भी शनि की साढ़े साती का प्रकोप है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर