कथावाचक Pradeep Mishra पर ब्रज में एंट्री पर लगी रोक, Premanand Ji Maharaj से भी नाराज हुए साधु-संत

Written By Abhay Sharma | Updated: Jun 25, 2024, 05:13 PM IST

Premanand Ji Maharaj Or Pradeep Mishra

Pradeep Mishra: ब्रज के संत, महंत और धर्माचार्यों ने महापंचायत कर कथावाचक प्रदीप मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जहां कथावाचक प्रदीप मिश्रा के ब्रज में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है...

प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) और कथावाचक प्रदीप मिश्रा (Pradeep Mishra) के बीच हुआ विवाद अभी थमा ही था, कि अब ब्रज के संत, महंत और धर्माचार्यों ने महापंचायत कर कथावाचक प्रदीप मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस महापंचायत में धर्माचार्य, संत, महंत और महामंडलेश्वर ने कथावाचक प्रदीप मिश्रा के ब्रज में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है.

बता दें कि हाल ही में कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी (Radha Rani Controversy) को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद ब्रज के संत, महंत और धर्माचार्यों ने इसे लेकर  महापंचायत की. साधु-संतों ने प्रेमानंद जी महाराज से भी नाराजगी जताई है...

क्या कहा साधु-संतों ने

प्रदीप मिश्रा द्वारा राधा रानी के बारे में दिए गए विवादित बयान से ब्रज के साधु-संतों में काफी नाराजगी थी. ऐसे में इसे लेकर सोमवार को बरसाना के रसमंडप में महापंचायत हुई.

इस महापंचायत में शामिल हुए साधू-संतों, गोस्वामियों और धार्मिक संगठनों ने प्रदीप मिश्रा से 4 दिन के भीतर माफी मांगने को कहा, नहीं तो ब्रज की सीमा में घुसने नहीं दिया जाएगा और न ही  ब्रज के 84 कोस में भागवत कथा करने दिया जाएगा.

प्रेमानंद जी महाराज से भी दिखी नाराजगी

हाल ही में राधारानी को लेकर कथावाचक प्रदीप मिश्रा के एक बयान पर प्रेमानंद जी महाराज ने प्रदीप मिश्रा को खूब खरी-खोटी सुनाई. जिसके बाद बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने फोन पर प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद जी के बीच सुलह करवा दी थी.

साधु-संतों का कहना है कि प्रेमानंद जी महाराज ने फोन पर प्रदीप मिश्रा से सुलह कर ली और ब्रज के किसी संत से इस बारे में सलाह नहीं ली. इस बात को लेकर साधु-संतों नें प्रेमानंद जी महाराज से नराजगी है. 

FIR नहीं हुआ तो होगा आंदोलन   

इस महापंचायत में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि अगर जिला प्रशासन ने समस्त साक्ष्य देने के बाद भी प्रदीप मिश्रा के खिलाफ 7 दिन में FIR दर्ज कर सख्त कार्यवाही नहीं की तो एक बड़ा आंदोलन करके जिला प्रशासन का घेराव किया जाएगा.

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