डीएनए हिंदी : परिवर्तिनी एकादशी व्रत भाद्रपद शुक्ल एकादशी तिथि को रखते हैं.परिवर्तिनी एकादशी व्रत भाद्रपद शुक्ल एकादशी तिथि को रखते हैं. इस एकादशी पर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस एकादशी पर भगवान विष्णु अपने चार महीने के शयन के दौरान करवट लेते हैं. यही कारण है कि इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा गया है.
परिवर्तिनी एकादशी तिथि 2022
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 6 सितंबर मंगलवार को प्रात: 5 बजकर 54 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 7 सितंबर बुधवार को सुबह 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगी. इसलिए व्रत मंगलवार 6 सितंबर को रखा जाएगा.
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परिवर्तिनी एकादशी 2022 मुहूर्त
परिवर्तिनी एकादशी के दिन सुबह आयुष्मान योग सुबह 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. उसके बाद से सौभाग्य योग लगेगा, जो 7 सितंबर को प्रात: 04 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. फिर शोभन योग शुरु हो जाएगा. साथ ही परिवर्तिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग और रवि योग भी बन रहे हैं. रवि योग प्रात: 06 बजकर 01 मिनट से शाम 6 बजकर 9 मिनट तक है, वहीं त्रिपुष्कर योग 7 सितंबर को प्रात: 3 बजकर 4 मिनट से सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.
जानें तीनों योग का शुभफल
रवि योग सभी संकटों को दूर करने वाला और सफलता दिलाने के लिए शुभकारी होगा. वहीं, आयुष्मान, सौभाग्य और शोभन योग भी शुभ फल देंगें. यही कारण है कि परिवर्तिनी एकादशी का दिन पूजा पाठ की दृष्टि से बहुत ही फलदायी है.
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परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण
यदि आप 6 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखते हैं तो आपको 7 सितंबर के दिन व्रत का पारण करना चाहिए. इस दिन पारण का समय सुबह 8 बजकर 19 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक है.
परिवर्तिनी एकादशी व्रत का महत्व
परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है. इस दिन वामन अवतार की पूजा करने से मृत्यु के पश्चात व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.