Parivartani Ekadashi 2024: भाद्रपद माह में इस दिन है परिवर्तिनी एकादशी, जानें तारीख से लेकर शुभ मुहूर्त और पारण का समय

नितिन शर्मा | Updated:Sep 12, 2024, 04:16 PM IST

सभी तिथियों में एकादशी को सबसे श्रेष्ठ तिथि माना जाता है. हर माह में दो एकादशी आती हैं. सभी एकादशी का महत्व अलग होता है. इन्हीं में भाद्रपद माह की परिवर्तिनी एकादशी भी शामिल है.

Parivartani Ekadashi Date And Time: हिंदू धर्म में सभी तिथियों में एकादशी तिथि को श्रेष्ठ माना जाता है. इसकी पूजा और व्रत करने पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. साल में कुल 24 एकादशी आती हैं. यह सभी भगवान विष्णु को समर्पित होती हैं. एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना और व्रत करने पर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जीवन के सभी संकट और कष्ट नष्ट हो जाते हैं. सभी एकादशियों में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को बहुत ही व​विशेष माना जाता है. इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. परिवर्तिनी एकादशी पर पूजा अर्चना के साथ ही व्रत रखने से जीवन में खूब सुख-समृद्धि सकारात्‍मकता आती है. आइए जानते हैं कि परिवर्तिनी एकादशी के व्रत की तारीख, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...  
 
इस दिन है परिवर्तिनी एकादशी 

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 13 सितंबर की रात 10 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर अगले दिन अगले दिन 14 सितंबर 2024 की रात 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी व्रत 14 सितंबर 2024 को रखा जाएगा.  

यह है परिवर्तिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

परिवर्तिनी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 सितंबर की सुबह 07 बजकर 38 मिनट सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने व व्रत का संकल्प लेने से जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाएंगे. बिगड़ते काम भी अपने आप बन जाएंगे. घर परिवार में सुख समृद्धि आएगी. 

यह है परिवर्तिनी एकादशी की पूजा विधि 

परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पूर्ण फल विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने पर ही प्राप्त होता है. इसके सुबह जल्दी उठकर स्नान करें साथ ही पीले रंग के कपड़े धारण करें. भगवार विष्णु का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें. उनकी पूजा अर्चना कर धूप दीप दिखाएं. भगवान फल, फूल और नैवेद्य अर्पित करें. साथ ही विष्णुजी के मंत्र ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें. इसके अलावा विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ भी करें.  आखिर में भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की आरती करें. 

यह है व्रत के पारण का समय

परिवर्तिनी एकादशी पर व्रत 14 सितंबर को रखा जाएगा. इसके अगले दिन द्वादशी तिथि में व्रत पारण किया जाएगा. इसका समय 15 सितंबर 2024 को सुबह 06 बजकर 06 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. दो घंटे में व्रत का पारण करना व्रत का पूर्ण माना जाएगा. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)  

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