डीएनए हिंदी : मंगल ग्रहण दौरान पृथ्वी मंगल और सूर्य के बीच होती है और साल के आखिरी पूर्णिमा के दिन ये खगोलीय घटना हुई थी. जब मंगल ग्रहण होता है तब रात में ये लाल ग्रह आसमान में तेज चमकता है. मंगल ग्रहण की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं. तस्वीरों में मंगल ग्रह, चांद के पीछे से उगता सा नजर आया था.
‘मंगल ग्रहण' बेहद दुर्लभ घटना हौती है जिसे जिसे लूनार आकल्टेशन (lunar occultation) कहा जाता है. इसमें कोई तारा छुप या गायब हो जाता है और फिर चंद्रमा के पीछे या किनारे से निकलता नजर आता है. पिछले बुधवार रात ऐसा ही हुआ, जब तारे के रूप में नजर आने वाला मंगल ग्रह छुपने के बाद चंद्रमा के पीछे से निकला था. इस दौरान पृथ्वी, मंगल और सूर्य के बीच में थी. इस वजह से लाल ग्रह आसमान में तेज चमक रहा था.
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एस्ट्रोफोटोग्राफर टॉम विलियम्स ने शानदार नजारा कैद किया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया.
यह घटना इसलिए भी अहम है, क्योंकि मंगल ग्रह पृथ्वी के करीब था. वह अपनी पेरिगी पर था यानी अपनी कक्षा में पृथ्वी के निकटतम बिंदु पर मौजूद था. बात करें पृथ्वी और मंगल ग्रह के बीच सबसे कम दूरी की, तो साल 2003 में दोनों ग्रहों के बीच दूरी 5.6 करोड़ किलोमीटर तक रह गई थी. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, अगले 265 साल तक दोनों ग्रह इतने करीब नहीं आएंगे. साल 2287 में ऐसा मुमकिन हो सकेगा.
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