Pitambari Neelam: इन राशि जातकों के लिए भाग्यशाली होता है पीतांबरी नीलम, जान लें इसके लाभ और धारण करने की सही विधि

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 31, 2023, 10:35 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Pitambari Neelam: पीतांबरी नीलम धारण करने से शनिदेव और गुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त होता है. शनि और बृहस्पति के कमजोर होने पर पीतांबरी धारण करें.

डीएनए हिंदी: अक्सर लोगों को जीवन में बहुत सी कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोगों को ये परेशानियां ग्रहों के बुरे प्रभाव के कारण भी झेलनी पड़ती है. ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) में ग्रहों के इन प्रभावों से बचने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. रत्न शास्त्र (Ratna Shastra) के अनुसार, रत्न धारण करने से भी ग्रह प्रभावित होते हैं. आज हम आपको रत्न शास्त्र (Ratna Shastra) के पीतांबरी नीलम (Pitambari Neelam) धारण करने के बारे में बताएंगे. रत्न धारण करके कुंडली के नकारात्मक प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. तो चलिए पीतांबरी नीलम (Pitambari Neelam) को धारण करने के नियम और विधि के बारे में जानते हैं. 

पीतांबरी नीलम (Pitambari Neelam)
पीतांबरी नीलम का संबंध शनि देव और गुरु बृहस्पति से माना जाता है. इस नीलम में पीली और नीली दोनों रंग की आभा होती है. पीतांबरी नीलम को धारण करने से शनिदेव और गुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त होता है. रत्न शास्त्र के अनुसार, पीतांबरी नीलम को कुंभ, मकर, धनु, और मीन राशि के जातक धारण कर सकते हैं. हालांकि आपको शनि और गुरु बृहस्पति नीच या शत्रु राशि में होने पर पीतांबरी नीलम धारण नहीं करना चाहिए. कुंडली में शनि और बृहस्पति की कमजोर स्थिति में पीतांबरी रत्म धारण कर सकते हैं. 

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पीतांबरी रत्न धारण करने की सही विधि (Pitambari Neelam Dharan Karne Ki Vidhi)
पीतांबरी नीलम कम से कम 7 से सवा 8 रत्ती का पहनना चाहिए. पीतांबरी नीलम को पंचधातु में जड़वाकर पहनना चाहिए. आपको यह नीलम शनिवार और गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए. इसे धारण करने से पहले गंगाजल या गाय के कच्चे दूध से शुद्ध कर लें. शुद्ध करने के बाद मध्यमा उंगली में पहन सकते हैं. 

पीतांबरी नीलम धारण करने के लाभ (Pitambari Neelam Dharan Karne Ke Labh)
- पीतांबरी नीलम को धारण करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या को कम किया जा सकता है. इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति का भाग्य भी खुल सकता है. यह धन लाभ और आय के स्त्रोत को बढ़ाने के लिए भी शुभ होता है. 
- रत्न शास्त्र के अनुसार, पीतांबरी नीलम धारण करने से शनि और गुरु बृहस्पति की स्थिति भी मजबूत होती है. अगर आपकी कुंडली में शनि और गुरु कमजोर स्थिति में हो तो आपको यह रत्न धारण करना चाहिए.
- मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों को भी यह रत्न धारण करना चाहिए. इससे कार्यस्थल पर लोगों के साथ संबंध अच्छे होते हैं और सभी कार्य सही होते हैं. 
- यदि आपके विवाह में अड़चने आ रही है तो भी आप इस रत्न को धारण कर सकते हैं. ऐसा करने से विवाह की अड़चने दूर होती हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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