डीएनए हिंदी: पितृपक्ष 10 सितंबर से शुरू हो चुका है. यह 25 सितंबर तक चलेगा (Pitru Paksha 2022). पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए इस दौरान श्राद्ध, तर्पण इत्यादि किया जाता है. कई घरों में पूर्वजों के निधन के बाद उनकी तस्वीर लगाई जाती है. घर के गुज़र चुके बड़ों का आशीर्वाद बना रहे इसलिए लोग अपने घरों में अपने पूर्वजों की तस्वीर लगाते हैं लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घरों में पूर्वजों की तस्वीर लगाने से पहले कुछ बातों को जान लेना आवश्यक है.
घर मे पितरों की तस्वीर लगाते समय इन ख़ास बातों का रखें ध्यान
उचित दिशा में लगाएं पितरों की तस्वीर: वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के उत्तरी हिस्से में पितरों की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है. शास्त्रों में दक्षिण दिशा को यम और पूर्वजों की दिशा माना जाता है. इसलिए पितरों की तस्वीर को हमेशा उत्तर दिशा में लगाना चाहिए ताकि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे.
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लटका कर न लगाएं पितरों की तस्वीर: पितरों की तस्वीर लगाने के लिए स्टैंड आदि बनवा लेना चाहिए. पूर्वजों की तस्वीर को लटका के लगाना अशुभ माना जाता है साथ ही घर मे पूर्वजों की एक से अधिक तस्वीर भी नहीं होनी चाहिए इससे घर मे नकारात्मकता आती है.
जीवित लोगों के साथ बिल्कुल न लगाएं पूर्वजों की तस्वीर: पूर्वजों की तस्वीर के साथ जीवित लोगों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए इससे जीवित व्यक्ति के जीवन मे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है साथ ही व्यक्ति में जीवन जीने का उत्साह कम हो जाता है.
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घर के मंदिर में न रखें पूर्वजों की तस्वीर: शास्त्रों के अनुसार घर के मंदिर में पूर्वजों की तस्वीर लगाने से देवदोष जैसी परेशानी उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में पितरों की तस्वीर मंदिर में बिल्कुल भी न रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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