Indira Ekadashi 2022: आज है इंदिरा एकादशी, शुभ मुहूर्त, कैसे रखें व्रत, क्या है श्राद्ध में इसका महत्व

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 21, 2022, 10:24 AM IST

जानें क्या है इंदिरा एकादशी का महत्व

Indira Ekadashi 2022 व्रत पितृ दोष निवारण के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. आइए जानते हैं क्या है इसका महत्व?

डीएनए हिंदी : Indira Ekadashi Date Vrat Katha- 15 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष (Pitru Paksha 2022) के अवसर पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध आदि किया जाता है. मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितर पृथ्वी लोक पर आते हैं. इसलिए उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान व तर्पण किया जाता है जिससे पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. उनकी विदाई के लिए इंदिरा एकादशी रखी जाती है. इस साल 21 सितंबर को यह व्रत पड़ रहा है.

साल में 12 एकादशी व्रत होते हैं, उनमें से इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2022) का व्रत पितृदोष निवारण के लिए रखा जाता है. इस व्रत को रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह व्रत पितृपक्ष में पड़ने वाली एकादशी के दिन रखा जाता है (Indira Ekadashi 2022 Shubh Muhurat). धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितरों की आत्मा की शांति के लिए इंदिरा एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण है.

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यह है शुभ मुहूर्त (Indira Ekadashi 2022 Date, Timing)

इस बार इंदिरा एकादशी का व्रत बुधवार 21 सितंबर 2022 को रखा जाएगा. इस माह पितृपक्ष मे एकादशी तिथि की शुरूआत 20 सितंबर 2022 को रात 9:25  पर होगी वहीं इसकी समाप्ति 21 सितंबर को रात 11:35 मिनट पर होगी. 

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इंदिरा एकादशी का महत्व (Indira Ekadashi Significance)
 
ज्योतिष के अनुसार इस व्रत के एक दिन पहले दशमी के दिन मृत पूर्वजों के लिए अनुष्ठान किया जाता है. इस व्रत में पितरों के साथ साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. इस व्रत को रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस व्रत में भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और व्रत पाठ करना चाहिए. इंदिरा एकादशी व्रत के दौरान झूठ बोलना, निंदा करना, चोरी करना, गुस्सा आदि नही करना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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