डीएनए हिंदी: (Pitru Paksha 2023 Shubh Yog) पितृपक्ष की शुरुआत होते ही खरीदारी से लेकर शुभ कामों की मनाही हो जाती है. साल में 16 दिनों तक लगने वाले पितृपक्ष में पितरों की शांति और उनका आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है. इसे पितृ प्रसन्न होते हैं. पितृदोष दूर होने के साथ ही कृपा प्राप्त होती है. हालांकि इस बीच कुछ चीजें बहुत जरूरी होने के बाद भी लोग खरीदन नहीं पाते हैं. इसे अशुभ माना जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. ज्योतिषाचार्य की मानें तो इस बार पितृ पक्ष में 4 ऐसे शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें आप खूब खरीदारी करने से लेकर अपने नए काम की शुरुआत भी कर सकते हैं. इसे पितृ नाराज नहीं होंगे, बल्कि आशीर्वाद देकर आपको सफलता दिलाने में मदद करेंगे.अगर आप भी पितृपक्ष से पहले कोई सामान लेना चाहते थे, लेकिन वह नहीं ले पाएं और अब रुके हुए हैं तो परेशान न हो. पितृपक्ष में आने वाले इन 4 मुहूर्त में से किसी एक में आसानी से ये सामान खरीद सकते हैं. इनसे पितृदोष नहीं लगेगा. साथ ही पितर भी नाराज नहीं होंगे.
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इन 4 तारीखों में बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग
पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से शुरू हो चुकी है. इनका समापन 16 दिन बाद यानी 14 अक्टूबर को होगा. इस बीच पितृपक्ष में चार शुभ मुहूर्त और योग बन रहे हैं. इनमें आप खरीदारी कर सकते हैं. पितृपक्ष में 1, 4, 8 और 10 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह बहुत ही शुभ होता है. इस योग का संबंध माता लक्ष्मी से होता है. इस योग में जो भी कार्य किया जाता है. वह शुभ होता है. उसमें सफलता मिलती है. इसलिए इन 4 दिनों में आप अपना कोई काम और खरीदारी तक कर सकते हैं.
4 अक्टूबर को बनेगा रवियोग
पितृपक्ष के 16 दिनों में 4 अक्टूबर को रवियोग बन रहा है. यह बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है. इसमें भगवान सूर्य की कृपा रहती है. ग्रहों के राजा सूर्य देव हर काम को शुभ और सफल बनाते हैं. इस योग में कोई शुभ कार्य करने पर लाभ होता है. इसलिए रवि योग में आप पितृपक्ष के बावजूद भी कोई नया काम या फिर खरीदारी कर सकते हैं. इस शुभ योग में खरीदी गई वस्तुओं में अक्षय वृद्धि होती है. सूर्य देवा से आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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8 अक्टूबर को रहेगा रविपुष्य योग
पितृपक्ष में 8 अक्टूबर को रविपुष्य योग बन रहा है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, जब भी पुष्य योग रविवार को बनता है तो इसे रविपुष्य योग कहा जाता है. यह योग बहुत ही शुभ हेाता है. इस योग में सोने चांदी के आभूषण खरीदना बहुत ही शुभ होता है. इसमें दिनदोगुनी तरक्की होती है. अगर आप पितृपक्ष में सोने-चांदी की खरीदारी करना चाहते हैं. तो 8 अक्टूबर रविपुष्य योग में बिना किसी चिंता के खरीद सकते हैं. इसे आपके पितर भी प्रसन्न होंगे.
10 अक्टूबर होगी इंदिरा एकादशी
पितृपक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी साल की 24 एकादशियों में से ही एक है. एकादशी को सबसे बड़ा माना गया है. इस तिथि में धार्मिक और मंगल कार्य करने का लाभ मिलता है. इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं. इस बार इंदिरा एकादशी पितृपक्ष के दौरान 10 अक्टूबर को पड़ रही है. इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. इसकी वजह एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होना है. आप जो भी नया काम इस दिन शुरू करना चाहते हैं या फिर खरीदारी करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. इस दिन पितरों के साथ ही भगवान का आशीर्वाद भी आपको प्राप्त होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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