डीएनए हिंदी: पितृपक्ष की शुरुआत होते ही शुभ काम करना अशुभ माना जाता है. इस दौरान नई चीजों को खरीदने से लेकर शुभ काम करने से पितृ नाराज हो जाते हैं. इन्हीं में कुछ खानपान की चीजें भी शामिल हैं. जिन्हें पितृपक्ष में लाने से पितृदोष लगता है. इसका सीधा असर आपकी आर्थिक स्थिति पर पड़ता है. पितरों के नाराज होने पर जीवन में कष्ट और असफलताओं का सामना करना पड़ता है. अगर आप भी रसोई घर का सामान लेने जा रहे हैं तो जा रहे हैं तो 29 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक 16 दिनों तक इन चीजों को घर में लेकर न आएं. हालांकि इन्हें आप दान जरूर कर सकते हैं. 16 दिनों यानी पितृपक्ष में इन चीजों का दान करने से लाभ मिलता है. पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. मां लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता है. आइए जानते हैं पितृपक्ष में किन तीन चीजों को लाने से बड़ों से लेकर आने वाली पीढ़ी पर पितृदोष लगता है.
सरसों का तेल
ज्यादातर घरों में सब्जी से लेकर पराठे तक सरसों के तेल में बनाएं जाते हैं. यह हर दिन इस्तेमाल में आता है, लेकिन पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी घर में सरसों का तेल लेकर नहीं आना चाहिए. पितरों के 16 दिनों में सरसों का तेल लाने से पितृदोष लगता है. इसे आर्थिक समस्या और संकटों का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति की आने वाली जनरेशन को भी यह दोष झेलना पड़ता है. इसे व्यक्ति को बुरा दौर शुरू हो जाता है.
नमक
नमक बिना हमारा खाना अधूरा होता है. बिना नमक के खाना टेस्ट लेस हो जाता है. पितृपक्ष में कभी भी नमक खरीदकर घर नहीं लाना चाहिए. नमक लाने से पितर नाराज हो जाते हैं. इसे पितृदोष लगता है. घर में नकारात्मकता और कष्टों का वास हो जाता है. व्यक्ति कंगाल तक हो सकता है. अगर आप गलती से भी ऐसा करने जा रहे हैं तो तुरंत रुक जाएं.
घर में सफाई के लिए झाड़ू
साफ सफाई के प्रयोग में आने वाली झाड़ू को हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है. अगर घर में झाड़ू खराब हो गई है और आप लाने की सोच रहे हैं तो रुक जाएं. पितृपक्ष में भूलकर भी झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए. पितृपक्ष में झाड़ू खरीदकर लाने से दोष लगता है. माता लक्ष्मी नाराज होकर घर से निकल जाती हैं. इसे भरा भराया घर में धीरे धीरे कर कंगाली की कगार पर पहुंच जाता है. वहीं कई पीढ़ियों को पितृदोष का सामना करना पड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.