Ways to please ancestors: पितरों को तर्पण या पिंडदान नहीं कर सकते तो इस तुलसी विधि से पूर्वजों को करें तृप्त

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 04, 2023, 03:35 PM IST

Ways to please ancestors

यदि पितृ पक्ष के दौरान पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान नहीं कर सकते हैं तो तुलसी के पौधे के जरिए पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है.

डीएनए हिंदीः सनातन धर्म में पितरों को देवता का दर्जा दिया गया है. इस समय पितरों का श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति और मोक्ष मिलेगा. पितृपक्ष पर पितरों को तृप्ति मिलती है और उन्हें सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है.

पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं. ऐसी ही एक विधि है तुलसी से जुड़ी विधि. यदि कोई व्यक्ति पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान नहीं कर सकता है तो वह इस तरह से कर सकता है. इसके फलस्वरूप पितरों के तर्पण, श्राद्ध का समान फल मिलता है. यह विधि पितृ पक्ष की समाप्ति से पहले किसी भी दिन की जा सकती है.

पितृ पक्ष में तुलसी के वृक्ष का मार्ग
शिव पुराण के अनुसार श्राद्ध पक्ष में घर के किसी भी सदस्य को तुलसी के पेड़ के पास एक कटोरा रखना चाहिए. इसके बाद अपने हाथों में गंगा जल लेकर 5 या 7 बार अपने पूर्वजों का नाम याद करें और बाबा विश्वनाथ का नाम लेकर उस लोटे में धीरे-धीरे जल छोड़ें. इसके बाद दोनों हाथों से नमस्कार करें. आप कटोरे में रखे गंगा जल को किसी पेड़ पर डाल सकते हैं या घर पर भी छिड़क सकते हैं. इस प्रकार करने से घर से नकारात्मक साती समाप्त हो जाती है. इस प्रकार करने से तर्पण और पिंडदान के समान फल प्राप्त होता है और पितरों को मोक्ष भी मिलता है. लेकिन ध्यान रखें कि यह विधि पितृपक्ष के दौरान रविवार और एकादशी को छोड़कर किसी भी दिन की जा सकती है .

पितृ पक्ष के पितरों को प्रसन्न करने के अन्य उपाय

  • सुबह घर के प्रवेश द्वार को हल्दी मिले पानी से धोना चाहिए. इसके परिणामस्वरूप परिवार में रहने वाले सदस्यों की समृद्धि होगी और उनके पास धन नहीं रहेगा.
  • प्रजनन काल के दौरान पक्षी को बाजरा या कोई अनाज खिलाएं. फलस्वरूप पुण्य की प्राप्ति हो सकती है. साथ ही परिवार में शांति बनी रहती है और पितर भी संतुष्ट होते हैं. ऐसा करने से लक्ष्मी प्रसन्न हुईं .
  • पितृरक्षा और अन्य अवसरों पर एक कटोरे में पानी भरें और उसमें रोटी के टुकड़े रखकर छत पर रखें. फलस्वरूप घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा. धन और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होंगी. फलस्वरूप पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
  • गाय और कुत्तों को भोजन अवश्य कराना चाहिए. इससे पितर तृप्त होंगे और धन की कभी कमी नहीं होगी. इसके फलस्वरूप कोष्टी में मौजूद पितृसत्ता भी समाप्त हो जायेगी.
  • रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाना शुभ होता है . सूर्य को जल चढ़ाने के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों का ध्यान करते हुए जल अर्पित करें. फलस्वरूप उनकी आत्मा को शांति मिलती है.
     

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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