Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में पीपल के पेड़ की पूजा करने पर दूर होगा पितृदोष, पूर्वजों को होगी मोक्ष की प्राप्ति

नितिन शर्मा | Updated:Sep 22, 2024, 12:45 PM IST

हिंदू धर्म पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है. मान्यता है कि पीपल में देवी देवताओं का वास होता है. ऐसे में पितृपक्ष में पीपल की पूजा अर्चना करने के साथ ही कुछ उपाय करने से मात्र से पितृदोष दूर हो जाता है. पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

Pitru Paksha Remedies And Upay: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है. इन 15 दिनों में पिंडदान से लेकर श्राद्ध और पूजा अर्चना करने से पितरों को शांति और मुक्ति प्राप्त होती है. मान्यता है कि साल में इन 15 दिनों के लिए पूर्वज स्वर्गलोक से धरती पर आते हैं. ऐसे में पितरों का पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण करने से वह प्रसन्न होते हैं. उनहें मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही परिवार को पितरों का आशीर्वाद और पितृदोष से छुटकारा मिलता है. उसके जीवन में भी हर काम सफल और घर में सुख शांति आती है.  अगर आप भी जीवन में किसी तरह की समस्या और पितृदोष का सामना कर रहे हैं, तो पितृ पक्ष के बीच पीपल के पेड़ से जुड़े उपाय कर लें. इससे पितरों को मोक्ष मिलता है और सुख समृद्धि आती है. 

यह हैं पीपल के पेड़ के उपाय 

हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को देवों का वास माना गया है. इसकी पूजा अर्चना करना बेहद शुभ होता है. वहीं पितृपक्ष के दौरान इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. इसमें पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करने से जीवन के संकट कटते हैं और पितर प्रसन्न होते हैं. उन्हें शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

पितृपक्ष में पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करने के साथ ही जल अर्पित करें. इस दौरान अपने पितरों का नाम और ध्यान करें. पितृपक्ष में नियमित 15 दिनों तक ऐसा करने से पितृदोष से छुटकारा मिलता है. पितृ प्रसन्न होकर परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाते हैं. 

पितृपक्ष के दौरान शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे पितरों के नाम का दीपक जलाना बेहद शुभ होता है. दीपक तेल का जलाना चाहिए. साथ ही पितरों का ध्यान करें. इस उपाय को करने मात्र से पितृदोष दूर हो जाता है. इस उपाय को करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि बढ़ाते हैं.  

ऐसे करें पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना 

पीपल के पेड़ की पूजा जल्द सुबह या शाम को सूर्यास्त होने के बाद कर सकते हैं. यह दोनों ही समय पीपल की पूजा के लिए शुभ हैं. पितृपक्ष के दौरान सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि करने के बद पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं. गाय का दूध, तिल और चंदन मिलाकर जल अर्पित करें. साथ ही प्रसाद फूल, और जनेऊ चढ़ाये. मान्यता है कि इस उपाय को करने से मात्र से पितरों को मोक्ष मिल जाता है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.) 

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