डीएनए हिंदी : Pitru Paksha End Date, Mahalaya- 10 सितंबर से शुरू हुए पितृपक्ष 25 सितंबर को खत्म हो रहे हैं. श्राद्ध के इन 16 दिनों में खूब श्रद्धा के साथ पितरों की पूजा और तर्पण किया जाता है. जिस दिन पितृपक्ष खत्म होते हैं उसी दिन महालया (Mahalaya 2022) होती है.महालया मतलब ही नवरात्रि का आगाज होने जा रहा है. 25 सितंबर को दिन में महालया लग जाती है, जिस दिन श्राद्ध का आखिरी दिन होता है. इसलिए इस दिन का खास महत्व है.
श्राद्ध के आखिरी दिन सर्व पितृ अमावस्या (Sarv pitru Amavasya) भी होती है. इस दिन सभी पितरों को याद कर उन्हें तर्पण दिया जाता है.मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वह खुशी-खुशी विदा होते हैं. इस दिन के बाद से श्राद्ध के दिन खत्म हो जाते हैं और अच्छे दिन शुरू होते हैं
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क्या है महालया का महत्व
रविवार यानि 25 सितंबर को महालया है, महालया एक दिन की होती है, इस दिन मां दुर्गा को सजाने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. इस दिन से लेकर आने वाले 9 दिन मां की प्रतिमा में रंग चढ़ना, सजाना,साज श्रृंगार, पंडाल में बिठाना ये सब होता है. एक ओर जहां देशभर में नवरात्र को लेकर धूम होती है तो वहीं बंगाल में दुर्गा पूजा का इंतजार रहता है. इस दिन देवी दुर्गा के राक्षण वध की कहानी को सभी को सुनाया जाता है.
देवी दुर्गा के अनेक रूपों को दर्शाया जाता है,सुबह सुबह टीवी पर बच्चों को महालया का नाटक दिखाया जाता है.मां दुर्गा की मूर्ति बनाने वाले कारिगर यूं तो मूर्ति बनाने का काम महालया से कई दिन पहले से ही शुरू कर देते हैं लेकिन महालया के दिन तक सभी मूर्तियों को लगभग तैयार कर छोड़ दिया जाता है.देवी दुर्गा ने शक्ति स्वरूपा बनकर महिषाशुर का संघार किया था.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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