आज होगा उज्जैन के महाकाल लोक कॉरिडोर का उद्घाटन, भव्यता की मिसाल बनेगा यह ज्योर्तिलिंग

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 11, 2022, 10:30 AM IST

शिवपुराण के लुक में बसा है उज्जैन का 'महाकाल लोक'

 

Mahakal Lok Inauguration: मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल लोक का आज यानी 11अक्टूबर को उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे.

डीएनए हिंदीः महाकाल लोक मंदिर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद भगवान शिव का दूसरा सबसे बड़ा दर्शानिक स्थल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उज्जैन में करीब 856 करोड़ रुपये के महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे.

इस कॉरिडोर की भव्यता और वास्तुकला में हाईटेक टेक्निक का प्रयोग भी हुआ है. एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोगों को अपनी प्रोफाइल फोटो बदलकर महाकाल लोक करने की अपील कर दी है. 

बता दें कि उज्जैन में प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर के उद्घाटन पर गायक कैलाश खेर भगवान शिव को समर्पित गीत पेश करेंगे. बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से महाकाल लोक करीब 4 गुना बड़ा होगा. चलिए इस महाकाल लोक की कुछ खास बातें आपको बताएं. 

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भ्रमण करने में कम से कम 8 घंटे का समय लगेगा

उज्जैन के महाकाल लोकका पूरा दर्शन और भ्रमण करने में कम से कम 8 घंटे का समय लगेगा.  लोक में दो भव्य प्रवेश द्वार होंगे और नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने 108 अलंकृत स्तंभ, फव्वारे और प्रत्येक मूर्ति की महिमा का वर्णन लोग अपने मोबाइल पर ऐप डाउनलोड कर स्कैन कर सुन सकेंगे. यहां करीब 500 प्रतिमाएं और शिव पुराण की कहानियां लोगों को देखने और सुनने को मिलेंगी. 50 से ज्यादा भित्ति चित्रों का एक पैनल भी होगा. 

12 ज्योर्तिलिंगों में से एक

महाकाल लोक में 900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर है जो पुरानी रुद्रसागर झील के चारों ओर है. इसे प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक माना गया है.  राजसी द्वार, नंदी द्वार और पिनाकी द्वार गलियारे के शुरुआती बिंदु के पास बनाए गए हैं, जो प्राचीन मंदिर का प्रवेश द्वार और रास्ते में सौंदर्य को दिखाएंगे. 

बलुआ पत्थरों से बना है लोक
राजस्थान के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र के बलुआ पत्थरों से लोक का निर्माण किया गया है. मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात और उड़ीसा के कलाकारों और शिल्पकारों ने कच्चे पत्थरों को तराशने और अलंकृत करने का काम किया है.

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हाइटेक यंत्रों से सजा है लोक
त्रिशूल के डिजाइन के साथ 108 स्तंभ, सीसीटीवी कैमरे और पब्लिस एड्रेस सिस्टम को सामंजस्यपूर्ण रूप से शामिल किया गया है. जनता के लिए कॉरिडोर खुलने के बाद भीड़ प्रबंधन के लिए घोषणाएं करने और भक्ति गीत बजाने के लिए पब्लिस एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाएगा. 

रुद्राक्ष, बकुल, कदम और बेलपत्र के पेड़

गलियारे में लगाए गए रुद्राक्ष, बकुल, कदम और बेलपत्र साथ ही मंदिर कॉरिडोर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है. यहां उज्जैन एक प्राचीन और पवित्र शहर है और पुराने हिंदू ग्रंथों में महाकालेश्वर मंदिर के आसपास महाकाल वन की मौजूदगी का वर्णन है. महाकाल लोक में  कालिदास के अभिज्ञान शकुंतलम में वर्णित बागवानी प्रजातियों को भी गलियारे में लगाया है. इसलिए धार्मिक महत्व वाली लगभग 40-45 ऐसी प्रजातियों का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें रुद्राक्ष, बकुल, कदम, बेलपत्र, सप्तपर्णी शामिल हैं.

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