अघोरियों के पास होती हैं कौन सी दिव्य-शक्तियां, पढ़ें अघोरी शृंखला की आखिरी कड़ी

Written By ऋतु सिंह | Updated: Feb 25, 2024, 10:28 AM IST

अघोरी पंथ की 'तिलिस्मी दुनिया का सच' 

आज आपको अघोरी पंथ (Aghor Panth) की 'तिलिस्मी दुनिया का सच' (The truth of Magical World) की आखिरी कड़ी में बताएंगे कि अघोर पंथ में अलग-अलग सिद्धि (Siddihyan) पाने के लिए अघोरी किन 6 शक्तियों (Power) को प्राप्त करते हैं.

अघोरी 3 तरह की साधनाओं से 6 तरह की शक्तियां प्राप्त करते हैं और इन शक्तियों के जरिए इन्हें 6 सिद्धियां मिलती हैं. शक्तिशाली सिद्धियों को पाने के बाद भी ये अघोरी बेहद सरल और मन के साफ होते हैं. इनकी साधना में अगर कोई विघ्न न डाले या इनकी शक्तियों को अगर कोई चुनौती न दे तो ये अपने आप में मस्त रहने वाले होते हैं.

वह किसी से बैर नहीं पालते ना ही किसी चीज से घृणा और ईर्ष्या करते हैं. अघोर पंथ अपने शिव की तरह अड़भंगी होते हैं, यानी खुद में मस्त रहने वाले. आज आपको उनकी उन शक्तियों के बारे में बताएंगे जो इन्हें कई तरह की सिद्धियों से लैस करती हैं. किस शक्ति से इन्हें कौन सी सिद्धि मिलती है, चलिए अघोरी शृंखला की आखिरी कड़ी में इसे जानें.


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इच्छित अवति शक्ति
इस क्रम में पहली शक्ति है इच्छित अवति शक्ति, इस शक्ति को सिद्ध करने के बाद अघोरी वरदान देने योग्य हो जाते हैं. सरल शब्दों में समझें तो वह किसी भी व्यक्ति की मनोकामना पूर्ति का वरदान दे सकते हैं.

याचन शक्ति
अघोर पंथ की दूसरी शक्ति है याचन शक्ति, इसे पाने के बाद अघोरी अपनी मनोकामना पूरी करने में सक्षम हो जाते हैं. इस शक्ति के माध्यम से अघोरी जो चीज़ चाहे वो पा सकते हैं. 


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श्रवण शक्ति
अघोर पंथ की तीसरी शक्ति है श्रवण शक्ति, इसे प्राप्त करते ही अघोरी सबसे सूक्ष्म और गुप्त श्रोता बन जाता है. इस शक्ति के माध्यम से वह देवलोक तक में संपर्क साध सकते हैं.

क्रिया शक्ति
इस क्रम में चौथी शक्ति है क्रिया शक्ति, गुरु दीक्षा में प्राप्त हुआ मंत्र जब अघोरी सिद्ध कर लेते हैं तो उन्हें निरंतर क्रियारत रहने की क्षमता और चेतना भी प्राप्त हो जाती है.

प्रवेश अवति शक्ति
अघोर पंथ की पांचवी शक्ति है अवति, इस शक्ति को प्राप्त करना मुश्किल होता है. इसे पाने के बाद साधक त्रिकालदर्शी बन जाता है. जिससे उस साधक को सबकी आंतरिक चेतना के साथ एकाकार हो सकते हैं. इस शक्ति को पाने के बाद अघोरी ये भी बता देते हैं कि आप किस जन्म में क्या थे.

स्वाम्यर्थ शक्ति
छठीं शक्ति है स्वाम्यर्थ शक्ति, इसे पाने के बाद अघोरी अपने मन का राजा बन जाता है. वह अपने अनुरूप सारे नियम बना कर अपने मस्तिष्क पर नियंत्रण कर सकता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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