Puja Path Niyam: भगवान की आरती करने का समय और तरीका जान लें, वरना पूजा नहीं होगी सफल

Written By Aman Maheshwari | Updated: Jun 06, 2023, 08:30 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Puja Path Niyam: सभी घरों और मंदिरों में पूजा के बाद भगवान की आरती अवश्य की जाती है. आरती के समय कई नियमों को विशेष ध्यान रखना चाहिए.

डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में भगवान की पूजा-पाठ के बाद आरती करने का विशेष महत्व होता है. भगवान की आरती के बाद ही कोई भी पूजा संपन्न मानी जाती है. ऐसे में सभी घरों और मंदिरों में पूजा के बाद भगवान की आरती (Puja Aarti Ke Niyam) अवश्य की जाती है. हालांकि कई लोगों को आरती के सही नियमों (Puja Aarti Ke Niyam) के बारे में नहीं पता होता है. आरती करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं ऐसे में आरती को सही नियमों (Puja Aarti Ke Niyam) के साथ करना चाहिए. तो चलिए आज हम आपको आरती के सही नियमों (Puja Aarti Ke Niyam) के बारे में बताते हैं.

5 बार होती है भगवान की आरती (Puja Aarti Niyam)
पूजा-पाठ पूरी होने के बाद भगवान की आरती की जाती है तभी पूजा संपन्न मानी जाती है. इसके साथ ही दिन में 5 बार भगवान की आरती की जाती है. पहली आरती ब्रह्म मुहूर्त में भगवान को जगाने के लिए की जाती है. दूसरी आरती भगवान को स्नान कराने के बाद की जाती है. तीसरी आरती दोपहर को भगवान के विश्राम पर जाने से पहले की जाती है. वहीं चौथी आरती भगवान के विश्राम से आने के बाद की जाती है. रात को भगवान को सुलाने से पहले आखिरी पांचवी आरती की जाती है. मंदिरों में सभी 5 समय की आरती की जाती है. हालांकि आप घर में 5 समय की आरती नहीं कर सकते हैं तो सुबह-शाम की आरती कर सकते हैं.

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आरती करने के नियम (Puja Aarti Niyam)
आरती की थाली

भगवान की आरती की थाली हमेशा सजी हुई होनी चाहिए. आरती की थाली तांबे, पीतल या फिर चांदी की होनी चाहिए. स्टील की प्लेट को आरती के लिए इस्तेमाल करना गलत होता है. थाली में मिट्टी या आटे का बना दीपक रखना चाहिए. आरती की थाली में गंगा जल, कुमकुम, चावल, फूल और भोग चढ़ाने के लिए फल या मीठा अवश्य रखा होना चाहिए.

कैसे करें आरती
आरती के समय आरती घुमाने की दिशा और संख्या का विशेष ध्यान देना चाहिए. आरती की शुरुआत भगवान के चरणों से करनी चाहिए. आरती 4 बार सीधी दिशा में घुमाना चाहिए. दो बार भगवान की नाभि की आरती उतारनी चाहिए. सात बार भगवान के मुख की आरती करनी चाहिए. आरती में गाय के दूध से बने शुद्ध घी का प्रयोग करना चाहिए.

आरती में इन बातों का रखें ध्यान
भगवान की आरती करते समय मंत्र का उच्चारण करते रहना चाहिए. मंत्र का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए. आरती बिल्कुल एकाग्रता के साथ करनी चाहिए. आरती करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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