डीएनए हिंदी: शनिदेव का रत्न का आशीर्वाद जिसे मिलता है वह रातों रात राजा बन जाता है और जिससे शनि नाराज हो जाएं वह राजा से रंक बन जाता है. अगर आप पर शनि की साढ़े साती चल रही या शनि देव आपकी कुंडली में नीच स्थान पर विराजमान हैं तो आपके जीवन में मरण तुल्य कष्ट होगा. शनिदेव को प्रसन्न करने के साथ उनकी मजबूती के लिए पूजा पाठ करें और रत्न धारण करें.
शनिदेव का मुख्य रत्न नीलम है लेकिन नीलम न केवल बेहद किमती होता है , बल्कि ये सबको सूट नहीं करता. ऐसे में आप नीलम का उपरत्न जामुनिया को धारण कर सकते हैं. जामुनिया पहनने से आपकी किस्मत रातों रात बदल सकती है. तो चलिए जानें जामुनिया से जुड़ी जरूरी बातें.
लहसुनिया रत्न धारण करने के फायदे
जामुनिया जातक के भाग्य को चमकाने के साथ ही उसे मेहनती भी बनाता है. इसे धारण करने से व्यक्ति काम के प्रति ज्यादा डेडिकेटेड हो जाता है और अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझता है. शनि से संबंधित रोग जैसे घुटना, रीढ़ की हड्डी और कन्धे की तकलीफ भी इस रत्न के धारण करने से सही होती हैं. इतना ही नहीं ये नशे से मुक्ति दिलाने वाला भी होता है. ये व्यक्ति को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्राप्त करता है और स्मरण शक्ति भी बढ़ाता है. इस रत्न को पहनने से व्यापार में आने वाली बाधाओं और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है.
जमुनिया रत्न कब पहने?
शनिवार की सुबह उठने के बाद स्नान करे के शनिदेव की पूजा करें और इसके बाद आप जामुनिया को गंगाजल में डुबोकर रख दें और 108 बार शनि के मंत्र 'ऊं शं शनैश्चराय नम:' मंत्र का जाप करें. मंत्र जापे के बाद सीधे हाथ की मध्यमा यानि बीच की अंगुली में जमुनिया पहनना चाहिए. व्यक्ति को यह रत्न उसके वजन के दसवें हिस्से के बराबर ही धारण करना चाहिए.
लहसुनिया रत्न किस राशि वालों को पहनना चाहिए
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक वृष, मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि के लोगों के लिए लहसुनिया रत्न धारण करना शुभ माना गया है.
पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है जामुनिया
जामुनिया रत्न प्रेम का रत्न माना गया है. अगर आपकी कुंडली इस रत्न को पहनने से मना करती है तो भी आप इसे अपने बैडरू में कहीं रख सकते हैं. ऐसा करने से परावर्तित होने वाली प्रकाश की किरणें नैगेटिव ऊर्जा को खत्म कर वहां सकारात्मकता पैदा करती हैं, जिससे दांपत्य जीवन में सुखी बढ़ने लगता है.
नोट: इस रत्न को कभी बिना ज्योतिषी सलाह के धारण नहीं करना चाहिए. कुंडली अवलोकन के बाद ही इसे धारण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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