Putrada Ekadashi: इस दिन है पुत्रदा एकादशी, व्रत रखने से पूर्ण होती है संतान प्राप्ति की मनोकामना, जानें  एकादशी तिथि और महत्व

नितिन शर्मा | Updated:Aug 08, 2024, 09:43 AM IST

हिंदू धर्म की सभी तिथियों में एकादशी को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

Sawan Putrada Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में आने वाले व्रत और तिथियों में एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण और विशेष तिथि माना जाता है. इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. हालांकि सभी एकादशी एक अलग अलग महत्व होता है. इसी में सावन की माह में आने वाली पुत्रदा एकादशी को विशेष माना गया है. सावन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2024) कहलाती है. संतान की इच्छा और स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से संतान की प्राप्ति और आरोग्य का वरदान मिलता है. आइए जानते हैं कि इस बार कब है एकादशी तिथि, व्रत की विधि और पुत्रदा एकादशी का महत्व...

इस दिन है सावन पुत्रदा एकादशी 2024 (Sawan Putrada Ekadashi 2024) 

पंचांग के अनुसार, इस बार सवान माह का आखिरी सोमवार 19 अगस्त को होगा. इसी दिन रक्षाबंधन होगी. वहीं 15 अगस्त को शुक्ल पक्ष में एकादशी तिथि की शुरुआत सुबह 10 बजकर 26 तक से होगी और अगले दिन 16 अगस्त को 9 बलकर 39 मिनट तक रहेगी. इस बार सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त शुक्रवार को रखा जाएगा. व्रत रखने से लेकर पूजा अर्चना का सबसे शुभ समय 16 अगस्त शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 24 मिनट से 5 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. इस बीच स्नान और पूजा अर्चना करने से लेकर व्रत का संकल्प करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होगी. 

पूजा अर्चना के लिए ये भी हैं शुभ मुहूर्त (Ekadashi Shubh Muhurat) 

पुत्रदा एकादशी पर व्रत का संकल्प लेने से लेकर भगवान की पूजा अर्चना करने 4 शुभ मुहूर्त हैं. सभी मुहूर्त का अपना अलग महत्व है. इनमें सबसे पहला चर सामान्य मुहूर्त सुबह 5 बजकर 51 मिनट से लेकर 7 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. वहीं दूसरा उन्नति मुहूर्त सुबह 7 बजकर 29 मिनट से 9 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. तीसरा मुहूर्त अमृत सर्वोत्तम सुबह 9 बजकर 8 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा और चौथा उत्तर मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से 2 बजकर 4 मिनट तक रहेगा. 

सावन पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व (Putrada Ekadashi Importance) 

सावन पुत्रदा एकादशी पर व्रत करने से संतान की मनोकामना पूरी होती है. इस दिन जो भी दंपत्ति भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं. संकल्प के साथ व्रत करते हैं. भगवान विष्णु उनकी संतान प्राप्ति की इच्छा को पूर्ण करते हैं. आशीर्वाद के साथ ही सभी पापों से छुटकारा मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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